Edited By Mahima,Updated: 07 Jan, 2025 12:07 PM
BJP विधायक टी. राजा सिंह ने महाकुंभ 2025 के आयोजन स्थल पर विवादित टिप्पणी करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों का विरोध किया। उन्होंने दावा किया कि महाकुंभ का आयोजन हजारों सालों से हो रहा है और मुस्लिम समुदाय का इसमें कोई हिस्सा नहीं है। साथ ही,...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ मेला 2025 एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन है, जो विश्वभर से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। महाकुंभ को लेकर हाल ही में भाजपा विधायक टी. राजा सिंह द्वारा किए गए एक विवादित बयान ने राजनीतिक और धार्मिक मोर्चे पर नए विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कुछ मुस्लिम नेताओं की टिप्पणियों का जवाब देते हुए एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि महाकुंभ जिस जगह आयोजित हो रहा है, वह जमीन Waqf Board की है, ऐसा दावा करना गलत है। टी. राजा सिंह ने इसे न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी गलत ठहराया और महाकुंभ के आयोजकों का समर्थन किया।
बेटा जब प्रयागराज की शुरुआत हुई थी, तब...
वीडियो में टी. राजा सिंह ने महाकुंभ के आयोजन स्थल को लेकर की जा रही कुछ मुस्लिमों की टिप्पणी का विरोध किया। उनके अनुसार, कुछ मुस्लिम लोग यह दावा कर रहे हैं कि प्रयागराज में महाकुंभ जिस जमीन पर आयोजित हो रहा है, वह Waqf Board की है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "बेटा जब प्रयागराज की शुरुआत हुई थी, तब तक तुम्हारी नस्लें भी पैदा नहीं हुई थीं।" इस टिप्पणी के माध्यम से विधायक ने यह कहा कि महाकुंभ का आयोजन हजारों सालों से उसी स्थान पर होता आ रहा है, और इसका कोई अन्य धर्म से संबंध नहीं है। राजा सिंह ने इस अवसर पर यह भी कहा कि महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों पर किसी प्रकार का विवाद खड़ा करने की कोशिशें केवल सनातन धर्म के अनुयायियों को परेशान करने के उद्देश्य से की जा रही हैं। उन्होंने उन मुस्लिम नेताओं और समुदाय के कुछ लोगों को कड़ी नसीहत दी, जिन्होंने महाकुंभ पर सवाल उठाया है।
'बुलडोजर की भाषा' का जिक्र
राजा सिंह के इस बयान में एक और विवादित पक्ष सामने आया, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि जो लोग महाकुंभ या अन्य धार्मिक आयोजनों पर विवाद खड़ा कर रहे हैं, उन्हें बुलडोजर की भाषा में जवाब दिया जाए। "कुछ लोग केवल दो भाषाएं ही समझते हैं। एक तो बुलडोजर की भाषा, और दूसरी भाषा वो समझ सकते हैं," राजा सिंह ने वीडियो में कहा। उनका इशारा योगी आदित्यनाथ द्वारा अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद किए गए बुलडोजर अभियान की ओर था, जो अवैध निर्माणों और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रतीक बन चुका है। राजा सिंह की यह टिप्पणी सीधे तौर पर उन लोगों को निशाना बना रही थी, जिन्होंने महाकुंभ के आयोजन को लेकर विवाद उठाया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से यह भी अपील की कि ऐसे लोगों को 'बुलडोजर की भाषा' में जवाब दिया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की नकारात्मक और विभाजनकारी टिप्पणियों का मुकाबला किया जा सके।
लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए आते हैं
महाकुंभ मेला हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है, और यह भारत के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है। प्रयागराज में स्थित त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती) में लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए आते हैं। महाकुंभ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इसे हिन्दू धर्म के प्रमुख आयोजन के रूप में माना जाता है। हर बार जब महाकुंभ आयोजित होता है, तो यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं होता, बल्कि यह लाखों लोगों के लिए मुक्ति, शांति और आस्था का प्रतीक बन जाता है। राजा सिंह ने कहा कि महाकुंभ का आयोजन हजारों वर्षों से होता आ रहा है और यह आयोजन सनातन धर्म का हिस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आयोजन कभी भी विवादों का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, क्योंकि यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होंने धर्म के इतिहास पर जोर देते हुए यह कहा कि महाकुंभ जैसा महान आयोजन शुरू होने से पहले मुस्लिम समुदाय के लोग इस धरती पर मौजूद भी नहीं थे। उनका यह बयान महाकुंभ की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को रेखांकित करता है।
जानिए क्या है राजा सिंह का राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण
टी. राजा सिंह के बयान में एक राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण साफ तौर पर झलकता है। उन्होंने महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों को न केवल धार्मिक परिप्रेक्ष्य से, बल्कि राष्ट्रीय और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी देखा। उनके अनुसार, महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजन को विवादों से दूर रखना चाहिए, ताकि इन आयोजनों की पवित्रता और महत्व बनाए रखा जा सके। राजा सिंह ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के बजाय, ऐसे आयोजनों की रक्षा करने का आग्रह किया और कहा कि यह किसी एक समुदाय का नहीं, बल्कि पूरे देश और समाज का धरोहर है। उनका यह बयान भारत की विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को बनाए रखने के लिए एक प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
राजा सिंह के बयान के बाद हुआ विवाद
राजा सिंह के इस बयान के बाद से विवादों का बाजार गर्म हो गया है। उनके बयान को लेकर कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ उनका समर्थन भी कर रहे हैं। उनके आलोचकों का कहना है कि इस तरह के बयान धार्मिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं, जबकि समर्थक उनका यह तर्क मानते हैं कि उन्होंने महाकुंभ की पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व की रक्षा की है। उनकी टिप्पणी पर मुस्लिम समुदाय और उनके नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कई सामाजिक संगठनों और धार्मिक नेताओं ने इसे भड़काऊ और नफरत फैलाने वाला बयान बताया। वहीं, राजा सिंह के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने केवल महाकुंभ के महत्व की रक्षा की है और धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए यह बयान दिया है।
लोगों को बुलडोजर की भाषा में जवाब दें
राजा सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक बार फिर अपील की है कि वह उन लोगों को बुलडोजर की भाषा में जवाब दें जो महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों पर विवाद खड़ा कर रहे हैं। उनका कहना था कि यदि ऐसे विवादों को न सुलझाया गया, तो भविष्य में और भी धार्मिक आयोजनों को लेकर इस तरह के विवाद उठ सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में कई बड़ी कार्रवाईयों को देखा गया है, जिनमें अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल प्रमुख है। राजा सिंह ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे विवादों पर जल्द कार्रवाई करेंगे।