La Nina: भीषण गर्मी के बाद अब कड़ाके की सर्दी देखने के लिए हो जाए तैयार...इस बार सर्दी तोड़ेगी सारे रिकाॅर्ड!

Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Sep, 2024 07:43 AM

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ला-नीना परिस्थितियां अब मानसून के आखिरी हफ्ते विकसित होंगी। इसका मतलब है कि इस साल मानसून पर ला-नीना का प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन अगर सर्दियों की शुरुआत से पहले ला-नीना विकसित हो जाता है, तो दिसंबर से जनवरी के बीच कड़ाके की सर्दी देखने को मिल सकती...

नेशनल डेस्क:  ला-नीना परिस्थितियां अब मानसून के आखिरी हफ्ते विकसित होंगी। इसका मतलब है कि इस साल मानसून पर ला-नीना का प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन अगर सर्दियों की शुरुआत से पहले ला-नीना विकसित हो जाता है, तो दिसंबर से जनवरी के बीच कड़ाके की सर्दी देखने को मिल सकती है। विश्व मौसम संगठन के अनुसार, सितंबर से नवंबर के दौरान ला-नीना बनने की 66% संभावना है, और यह नवंबर से जनवरी 2025 तक उत्तरी गोलार्ध में 75% से अधिक संभावना के साथ सक्रिय रह सकता है।

वर्तमान में, पश्चिमी प्रशांत महासागर में सतह का तापमान औसत से अधिक है, जबकि पूर्वी प्रशांत महासागर में यह औसत के करीब या उससे थोड़ा नीचे है। दोनों क्षेत्रों के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं होने के कारण एनसो न्यूट्रल (न अलनीनो, न ला-नीना) परिस्थितियां बनी हुई हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, ला-नीना परिस्थितियों के बनने में देरी हुई है और इसका इस साल के दक्षिण-पश्चिमी मानसून पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, यह सितंबर से नवंबर के बीच विकसित हो सकता है, जो अक्टूबर के आखिर से दक्षिण भारत में आने वाले उत्तर-पूर्वी मानसून को प्रभावित कर सकता है।

उमस और तीखी धूप के बाद शाम को अचानक घने बादल छाए
इस बीच, जयपुर में रविवार को दिनभर उमस और तीखी धूप के बाद शाम को अचानक घने बादल छा गए, जिससे कुछ इलाकों में बारिश भी हुई। हालांकि, जयपुर में कुल 45 मिमी बारिश दर्ज की गई। अचानक छाए काले बादलों से गुलाबी नगरी का रंग नीला सा हो गया।

 भारी बारिश का असर
देश के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश का असर देखने को मिल रहा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारी बारिश के कारण 9 लोगों की मौत हो गई है। बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में बदलने से अगले दो दिनों में दक्षिणी छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पूर्वी गुजरात और पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। आंध्र प्रदेश में बुदामेरू वागू नदी उफान पर है और विजयवाड़ा में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। तेलंगाना के खम्मम जिले के 110 गांव डूब गए हैं और कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।

 मानसून एक बार फिर से सक्रिय
राजस्थान में भी मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है, जिससे आगामी सप्ताह में पूर्वी राजस्थान के अनेक भागों में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि होगी। पाली के सुमेरपुर में 78 मिमी, लूनी में 73 मिमी, और शिवगंज में 71 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, 2-3 सितंबर को कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है, जबकि 5-6 सितंबर को कोटा, उदयपुर और अजमेर में भी बारिश के आसार हैं। पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर संभाग के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभावित है।

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