Edited By Mahima,Updated: 12 Dec, 2024 02:27 PM
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत पुणे जिले में 10,000 महिलाओं के आवेदन अपात्र घोषित कर दिए गए हैं। जिनकी पारिवारिक आय ढाई लाख से अधिक, चार पहिया वाहन, या सरकारी कर्मचारी सदस्य हैं, वे इस योजना से बाहर हैं। यह योजना महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए हर महीने एक निश्चित राशि देती है। हालांकि, हाल ही में इस योजना से जुड़ी कुछ नई जानकारी सामने आई है, जिसके अनुसार, पुणे जिले में करीब 10,000 महिलाओं के आवेदन को अपात्र घोषित कर दिया गया है। यह कदम विधानसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद उठाया गया है, जब महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने लंबित आवेदनों की जांच शुरू की।
योजना के तहत पुणे जिले में स्थिति
रिपोर्ट्स के अनुसार, पुणे जिले में लाडली बहना योजना के तहत 21 लाख 11 हजार 363 आवेदन स्वीकृत हुए थे। इनमें से 20 लाख 84 हजार 364 आवेदकों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि 9,814 आवेदन त्रुटियों के कारण अपात्र घोषित कर दिए गए हैं। यही नहीं, 5,814 आवेदन मामूली त्रुटियों के कारण अस्थायी रूप से खारिज कर दिए गए हैं। पुणे जिले में 6 लाख 82 हजार 55 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 6 लाख 67 हजार 40 आवेदन स्वीकृत किए गए, जबकि 3,494 आवेदन अयोग्य घोषित कर दिए गए। इस प्रकार पुणे जिले में कुल 9,814 आवेदन त्रुटियों के कारण अपात्र घोषित किए गए, जो कि लाडली बहना योजना के लाभ से बाहर हो गए।
पिंपरी-चिंचवड की स्थिति
पिंपरी-चिंचवड में लाडली बहना योजना के लिए 4 लाख 32 हजार 890 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 3 लाख 89 हजार 920 आवेदन स्वीकृत किए गए। वहीं, 42 हजार 486 आवेदन खारिज कर दिए गए। इस प्रकार, पिंपरी-चिंचवड में भी बड़ी संख्या में महिलाएं योजना से बाहर हो गईं।
अपात्र होने के कारण
लाडली बहना योजना के तहत आवेदन करने वाली महिलाओं को कुछ कड़े पात्रता मापदंडों का पालन करना पड़ता है। निम्नलिखित कारणों से आवेदन खारिज हो रहे हैं:
1. चार पहिया वाहन: यदि महिला के परिवार में चार पहिया वाहन है, तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, ट्रैक्टरों को इस नियम से बाहर रखा गया है।
2. पारिवारिक आय: जिन महिलाओं की संयुक्त वार्षिक पारिवारिक आय ढाई लाख रुपये से अधिक है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
3. इनकम टैक्स: यदि महिला या उसके परिवार के किसी सदस्य को इनकम टैक्स भरने की जिम्मेदारी है, तो वह इस योजना से वंचित रहेगा।
4. सरकारी कर्मचारी: अगर लाभार्थी महिला या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी विभाग में स्थायी, नियमित, या कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी के रूप में कार्यरत है, तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके साथ ही, यदि महिला या उसका परिवार किसी सरकारी बोर्ड या स्थानीय निकाय में कार्यरत है और उन्हें पेंशन मिल रही है, तो भी वह इस योजना के लाभ से बाहर होंगे।
5. अन्य सरकारी योजनाओं से लाभ: यदि महिला अन्य सरकारी योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त कर रही है, तो वह लाडली बहना योजना से वंचित रहेगी।
6. पारिवारिक स्थिति: यदि परिवार का कोई सदस्य पूर्व विधायक, सांसद है या परिवार के पास संयुक्त रूप से पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, तो ऐसे परिवारों को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
जानिए योजना के उद्देश्य के बारे में
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारना है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना खासकर उन महिलाओं के लिए है, जिनकी पारिवारिक आय बहुत कम है और जो मुख्यधारा से बाहर हैं। लेकिन, इस योजना के पात्रता मापदंडों की सख्ती के कारण बड़ी संख्या में महिलाएं योजना से बाहर हो रही हैं, जिनमें से कई की वित्तीय स्थिति पहले से ही कमजोर है।
क्या है सरकार की नीति
राज्य सरकार का कहना है कि योजना के तहत पात्रता मापदंडों का पालन करना जरूरी है, ताकि इस योजना का लाभ वास्तव में उन महिलाओं तक पहुंचे जो सबसे ज्यादा जरूरतमंद हैं। लेकिन योजना में कई महिलाओं के अपात्र होने से आलोचनाओं का सामना भी सरकार को करना पड़ रहा है। कुछ सामाजिक संगठन और विपक्षी पार्टियां इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं और महिलाओं को इस योजना के तहत लाभ देने की मांग कर रहे हैं।