Edited By Anu Malhotra,Updated: 16 Aug, 2024 03:47 PM
लखनऊ के आलमबाग स्थित रामनगर में एक बुजुर्ग मकान मालिक की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है, इन दोनों भाईयो ने मकान मालिक की हत्या के बाद शव को शारदा नहर में फेंक दिया था।
नेशनल डेस्क: लखनऊ के आलमबाग स्थित रामनगर में एक बुजुर्ग मकान मालिक की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है, इन दोनों भाईयो ने मकान मालिक की हत्या के बाद शव को शारदा नहर में फेंक दिया था।
11 अगस्त को वीरेंद्र नरूला (70) ने अपनी पत्नी अमला से कहा था कि वह किराया लेने जा रहे हैं, लेकिन वह वापस नहीं आए। उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने जांच के दौरान किरायेदार सुखविंदर उर्फ विक्की और उसके भाई अजीत को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि उन्होंने वीरेंद्र की हत्या कर शव को गोसाईंगंज में शारदा नहर में फेंक दिया। सुखविंदर प्रॉपर्टी डीलर है, जबकि उसका भाई अजीत सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम करता है।
पुलिस की जांच में पता चला कि सुखविंदर का परिवार पिछले 14 वर्षों से किराए पर रह रहा था, लेकिन पिछले दो वर्षों से उन्होंने किराया नहीं दिया था। पुलिस की जांच के अनुसार, सुखविंदर के पिता हरबंश नशे के लती हैं। मां कहीं बाहर गई थीं। 11 अगस्त को दोनों भाई ही घर पर थे। करीब दो बजे दोपहर को वीरेंद्र एक ब्रोकर को लेकर वहां पहुंचे थे। मकान देखकर ब्रोकर चला गया था। वीरेंद्र फिर घर गए। तब सुखविंदर व अजीत उनसे झगड़ने लगे। दो साल से किराया न देने की वजह से वीरेंद्र मकान खाली करवाकर दूसरे को देने की तैयारी में थे। इसी बात पर विवाद और फिर मारपीट हुई। तभी उनकी हत्या कर दी।
आरोपियों ने हत्या के बाद शव को लगभग 12 घंटे तक अपने घर में छुपा रखा और फिर उसे एक साजिश के तहत बाइक पर रखा। शव को पगड़ी बांधकर ऐसा दिखाया कि जैसे कोई बैठा हो। इसके बाद वे शव को 20 किलोमीटर दूर गोसाईंगंज ले गए और नहर में फेंक दिया।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें पता चला कि आरोपी ने फुटेज डिलीट कर दिए थे। फिलहाल, पुलिस यह जांच कर रही है कि इस वारदात में किसी और की भी भूमिका तो नहीं है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इस बारे में आरोपियों ने बताया कि उनको पता था कि सीसीटीवी अहम सुबूत है, इसलिए उन्होंने ऐसा किया। डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान वीरेंद्र के पुराने घर के पास लगे कैमरे खंगाले।
इसमें दिखा कि वीरेंद्र व एक अन्य शख्स एक साथ घर जाते हैं। फिर दोनों बाहर जाते दिखे। कुछ देर बाद वीरेंद्र दोबारा घर की ओर जाते नजर आए। लेकिन, नहीं लौटे। यहीं से शक पड़ा और आरोपियों को गिरफ्तार किया।