Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 19 Apr, 2025 11:20 AM
महाराष्ट्र के बीड जिले के अंबाजोगाई तहसील के सांगांव गांव से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां की रहने वाली एक महिला वकील ने मंदिर में बज रहे अत्यधिक तेज लाउडस्पीकर की शिकायत की, लेकिन इसका नतीजा उन्हें बुरी तरह भुगतना पड़ा।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के बीड जिले के अंबाजोगाई तहसील के सांगांव गांव से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां की रहने वाली एक महिला वकील ने मंदिर में बज रहे अत्यधिक तेज लाउडस्पीकर की शिकायत की, लेकिन इसका नतीजा उन्हें बुरी तरह भुगतना पड़ा। महिला वकील ज्ञानेश्वरी अंजन का कहना है कि मंदिर में बज रहे अवैध लाउडस्पीकर और गांव की आटा मिलों के तेज शोर के कारण उन्हें माइग्रेन की गंभीर परेशानी हो गई थी। लगातार बढ़ते शोर से परेशान होकर उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन इसी के बाद से उनके खिलाफ रंजिश शुरू हो गई।
लोहे की पाइप और डंडों से बेरहमी से की गई पिटाई
ज्ञानेश्वरी ने आरोप लगाया है कि 16 मार्च 2025 को गांव के सरपंच और उनके सहयोगियों ने उनके घर पर हमला किया। हमलावरों ने लोहे की पाइप और डंडों से उन्हें बेरहमी से पीटा। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में उनके शरीर पर गहरे और खौफनाक चोटों के निशान साफ देखे जा सकते हैं। ज्ञानेश्वरी ने बताया कि जिस दिन ये हमला हुआ, उस समय उनके पिता घर पर नहीं थे। इसका फायदा उठाकर आरोपी जबरन उनके घर में घुसे और उन्हें धमकाते हुए बुरी तरह पीटा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उन्होंने दोबारा लाउडस्पीकर या आटा मिलों की शिकायत की, तो जान से मार देंगे।
मोबाइल छीना, सबूत मिटाने की कोशिश
इस हमले के दौरान आरोपियों ने वकील का मोबाइल फोन भी छीन लिया, ताकि वो किसी को कॉल न कर सकें और मारपीट के सबूत भी न बचें। इसके अलावा महिला वकील ने ये भी आरोप लगाए कि हमलावर अक्सर उनका पीछा करते हैं, जिससे उन्हें मानसिक रूप से डर और तनाव झेलना पड़ रहा है।
पुलिस पर लापरवाही का गंभीर आरोप
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि महिला की कई बार शिकायत करने के बावजूद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने बार-बार FIR और सुरक्षा की मांग की, लेकिन पुलिस की चुप्पी ने उनकी हालत और बिगाड़ दी। इस सनसनीखेज मामले में अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है। लेकिन सवाल ये उठता है कि एक महिला वकील की सुरक्षा और न्याय की आवाज इतनी अनसुनी कैसे रह गई?