Edited By Mahima,Updated: 08 Feb, 2025 04:42 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पटपड़गंज से बीजेपी प्रत्याशी रविंद्र सिंह नेगी के पैर तीन बार छुए थे। इस चुनाव में रविंद्र ने अवध ओझा को 28,072 वोटों से हराया। ओझा, जो एक प्रसिद्ध UPSC शिक्षक थे, ने कड़ी चुनौती दी थी, लेकिन...
नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस बीजेपी प्रत्याशी के पैर तीन बार छुए थे, वह चुनावी दंगल में विजयी रहे। यह घटना 29 जनवरी को करतार नगर में आयोजित संकल्प रैली के दौरान हुई थी, जब प्रधानमंत्री मोदी ने पटपड़गंज विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार रविंद्र सिंह नेगी को मंच पर बुलाया। रैली के दौरान, जब रविंद्र नेगी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी के पैर छुए, तो पीएम मोदी ने इस सम्मान का जवाब देते हुए तीन बार उनके पैर छुए। यह दृश्य मीडिया में काफी सुर्खियों में रहा और इसने चुनावी माहौल को और भी खास बना दिया।
अपने प्रेरणादायक भाषणों के कारण सोशल मीडिया पर भी काफी मशहूर
रविंद्र सिंह नेगी को इस बार पटपड़गंज सीट पर अपनी जीत के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। उनके सामने आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार अवध ओझा थे, जो UPSC परीक्षा की तैयारी कराने के लिए प्रसिद्ध थे। ओझा सर का युवाओं में बहुत बड़ा फैन बेस था, और वे अपने प्रेरणादायक भाषणों के कारण सोशल मीडिया पर भी काफी मशहूर थे। ओझा सर का आकर्षण विशेष रूप से उन युवाओं को था जो UPSC की तैयारी कर रहे थे। हालांकि, ओझा सर ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले बीजेपी और अन्य पार्टियों के खिलाफ एक मजबूत स्थिति बनाई थी। नेगी को यह सीट जीतने के लिए ओझा सर से मुकाबला करना पड़ा, लेकिन इस बार उनका सामना सत्ता विरोधी लहर और विरोधी उम्मीदवार की लोकप्रियता के बावजूद जीत में बदल गया।
28,072 वोटों से जीत हासिल
रविंद्र सिंह नेगी ने पटपड़गंज विधानसभा सीट पर एक शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने अवध ओझा को 28,072 वोटों के बड़े अंतर से हराया। यह जीत खास थी क्योंकि पिछली बार, 2020 के चुनाव में, रविंद्र नेगी ने मनीष सिसोदिया से कड़ी टक्कर ली थी। उस चुनाव में, नेगी ने शुरुआती दौर में बढ़त बनाई थी, लेकिन अंतिम दौर की गिनती में मनीष सिसोदिया ने बाजी मार ली थी। इस बार, रविंद्र नेगी ने हर राउंड में अपनी बढ़त में इजाफा किया और ओझा सर को पहली राउंड से लेकर अंतिम राउंड तक कभी पीछे नहीं होने दिया। यह चुनावी जीत उनके संघर्ष और दृढ़ नायकत्व का प्रतीक बनी।
सरकार की कई नीतियों पर उठाए सवाल
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ एक सत्ता विरोधी लहर का असर इस चुनाव में देखा गया। पिछले कुछ सालों से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार की कई नीतियों पर सवाल उठाए जा रहे थे, और इस लहर का पूरा फायदा बीजेपी को हुआ। इस लहर में, दिल्ली की जनता ने राज्य सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर सवाल उठाए, जिसका फायदा बीजेपी के उम्मीदवारों को हुआ।
रविंद्र नेगी ने इस सत्ता विरोधी लहर को भुनाया और अपने विरोधी अवध ओझा के खिलाफ एक दमदार रणनीति बनाई, जिसके चलते उन्हें जीत मिली।
बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण जीत
रविंद्र सिंह नेगी की यह जीत बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण जीत साबित हुई है। यह सिर्फ उनके लिए व्यक्तिगत सफलता नहीं थी, बल्कि पार्टी के लिए भी यह एक बड़ी राजनीतिक जीत थी। उनके पास अब इस जीत को भुनाने और आने वाले समय में दिल्ली विधानसभा में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर है। उनकी जीत न केवल बीजेपी के लिए, बल्कि दिल्ली में राजनीतिक धारा को भी प्रभावित करने वाली साबित हो सकती है। अब रविंद्र नेगी पटपड़गंज क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में उभरेंगे और विधानसभा में अपनी भूमिका निभाएंगे।