Edited By Parminder Kaur,Updated: 21 Dec, 2023 11:57 AM
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को हुसाविक संग्रहालय द्वारा प्रतिष्ठित लीफ एरिकसन लूनर पुरस्कार से नवाजा गया है। इसरो को यह पुरस्कार चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के लिए दिया गया है। इस दौरान चंद्रमा के लिए खोजी मिशन पर लगातार आगे बढ़ने और आकाशीय...
नेशनल डेस्क. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को हुसाविक संग्रहालय द्वारा प्रतिष्ठित लीफ एरिकसन लूनर पुरस्कार से नवाजा गया है। इसरो को यह पुरस्कार चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के लिए दिया गया है। इस दौरान चंद्रमा के लिए खोजी मिशन पर लगातार आगे बढ़ने और आकाशीय रहस्य बूझने में अहम योगदान के लिए इसरो के समर्पण और उत्साह को भी सराहा गया। भारतीय दूतावास ने बताया कि राजदूत बालासुब्रमण्यम श्याम ने इसरो की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भी अपना संदेश भेजा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लीफ एरिकसन लूनर सम्मान के लिए शुभकामनाएं दीं। जयशंकर ने कहा कि चंद्रयान 3 देश की प्रतिष्ठा को और बढ़ाता रहेगा। उल्लेखनीय है कि लीफ एरिक्सन को क्रिस्टोफर कोलंबस से 400 साल पहले अमेरिका महाद्वीप पर पहुंचने वाला यूरोपीय माना जाता है। उन्हीं के नाम पर यह सालाना पुरस्कार दिया जाता है।
बता दें चंद्रयान-3 की जीत 23 अगस्त को एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई, जब लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा। संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया। चंद्र सतह पर सफल लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने विभिन्न निर्देशित कार्य व परीक्षण अंजाम दिए। चंद्रयान 3 के तुरंत बाद 2 सितंबर को भारत ने सूर्य के अध्ययन के लिए पहला मिशन आदित्य एल1 भेजा।