Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 10:05 PM
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भारतीय जीवन बीमा को कई कंपनियों में अपने निवेश पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। एलआईसी ने ऐसी कई कंपनियों में निवेश किया है जो दिवालिया होने की कगार पर हैं। ऐसी कई कंपनियों की याचिका राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा दिवालियापन की...
नेशनल डेस्क: भारतीय जीवन बीमा को कई कंपनियों में अपने निवेश पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। एलआईसी ने ऐसी कई कंपनियों में निवेश किया है जो दिवालिया होने की कगार पर हैं। ऐसी कई कंपनियों की याचिका राष्ट्रीय कंपनी कानून ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा दिवालियापन की प्रक्रिया (आईबीसी) के तहत स्वीकार कर लगी गई है।
इस सूची में आलोक इंडस्ट्रीज,एबीजी शिपयार्ड, अम्टेक ऑटो, मंधाना इंडस्ट्रीज, जेपी इंफ्राटेक, ज्योति स्ट्रक्चर्स, रेनबो पेपर्स और ऑर्किड फार्मा जैसे नाम शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर कंपनियों की वैल्यू अपने सर्वोच्च स्तर से 95 फीसदी से अधिक घट चुकी है।इनकी वैल्यू में गिरावट का असर एलआईसी के पोर्टफोलियो पर भी पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश के सबसे बड़े संस्थागत निवेशकों में शुमार है। एलआईसी के प्रबंधक निदेशक हेमंत भार्गव ने इस बाबत कंपनी का बचाव किया। भार्गव ने कहा कि बीते तीन सालों में हमने काफी सोच-विचार के बाद सिर्फ बीएसई 200 कंपनियों में ही निवेश का फैसला किया है। मगर एलआईसी काफी पुरानी संस्था है और पहले लिए गए निवेश के फैसलों के बारे में हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते।
यह सरकारी कंपनी कुछ प्रमुख कंपनियों में सबसे बड़ी और संभावित एकमात्र संस्थागत निवेशक हो सकती है। इन कंपनियों में गीतांजलि जेम्स, वक्रांगी और वीडियोकॉन के नाम शामिल हैं। ये तमाम कंपनियां हाल ही में किसी ने किसी गलत वजह से सुर्खियां बटोर रही थीं।