Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Jan, 2025 01:30 PM
धरती पर जीवन खतरे में है, और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्रह हमेशा के लिए इंसानों के रहने लायक नहीं रहेगा। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि धरती के विनाश की संभावना वास्तविक है, और मानव सभ्यता को जीवित रखने के लिए एक नए ग्रह की तलाश करना...
नेशनल डेस्क: धरती पर जीवन खतरे में है, और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्रह हमेशा के लिए इंसानों के रहने लायक नहीं रहेगा। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि धरती के विनाश की संभावना वास्तविक है, और मानव सभ्यता को जीवित रखने के लिए एक नए ग्रह की तलाश करना आवश्यक होगा।
धरती से मिलते-जुलते एक्सोप्लैनेट्स पर जीवन की संभावपृथ्नावी को लेकर कई शोध किए जा रहे हैं। नासा ने इसी दिशा में एक मॉक टेस्ट आयोजित किया था, जिसमें धरती से एस्टेरॉयड टकराने और इसके विनाशकारी परिणामों का अध्ययन किया गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि 66 मिलियन साल पहले भी एक विशाल एस्टेरॉयड के कारण डायनासोर समेत अनेक प्रजातियां खत्म हो गई थीं। ऐसा ही भविष्य में भी हो सकता है।
चांद और मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश
वैज्ञानिक लंबे समय से चांद और मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना तलाश रहे हैं। चांद की सतह पर पानी की खोज और मंगल पर जीवन के प्रमाण इसी तैयारी का हिस्सा हैं। मंगल ग्रह पर कभी पानी के झरने और समुद्र थे, लेकिन बदलते पारिस्थितिकी तंत्र ने इसे बंजर बना दिया। अब वैज्ञानिक इसे मानव जीवन के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
क्यों जरूरी है नया घर?
जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, और एस्टेरॉयड जैसी खगोलीय घटनाओं के कारण धरती पर जीवन संकट में है। मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने भी चेतावनी दी थी कि धरती के संसाधन खत्म होने से पहले इंसानों को एक वैकल्पिक घर तलाशना होगा।
क्या भविष्य मंगल या चांद पर है?
50 साल पहले अपोलो मिशन के जरिए चांद पर कदम रखने के बाद से इंसानों के वहां बसने की संभावना पर चर्चा जारी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद और मंगल ग्रह पर इंसानी बस्तियां बसाना एकमात्र विकल्प हो सकता है। आने वाले दशकों में विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान से यह सपना साकार हो सकता है।