अमेरिकी DOGE मॉडल की तरह PM Modi ने भारत में बचाए 5 लाख करोड़

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 18 Mar, 2025 03:02 PM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद भारत में भ्रष्टाचार और फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने और उन्हें सिस्टम से बाहर करने के लिए कई बड़े कदम उठाए। अब तक लगभग 5 लाख करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है जो विभिन्न सरकारी योजनाओं...

नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद भारत में भ्रष्टाचार और फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने और उन्हें सिस्टम से बाहर करने के लिए कई बड़े कदम उठाए। अब तक लगभग 5 लाख करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है जो विभिन्न सरकारी योजनाओं के फर्जी और गैर-मौजूद लाभार्थियों को हटाकर हासिल की गई है। यह जानकारी सरकारी अधिकारियों ने दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में लेक्स फ्रिडमैन के साथ अपने पॉडकास्ट में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सत्ता में आने के बाद उन्हें कई सरकारी योजनाओं में फर्जी लाभार्थियों की मौजूदगी का पता चला। मोदी ने कहा, "मैंने देखा कि कई सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ऐसे लोगों द्वारा लिया जा रहा था जो असल में अस्तित्व में ही नहीं थे।"

मोदी ने बताया कि उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद ऐसी योजना पर काम करना शुरू किया जिससे बिना किसी बिचौलिए के और पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे असली लाभार्थियों तक पहुंचे। इसी प्रक्रिया को "डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर" (DBT) के नाम से जाना जाता है। इससे सरकार ने अब तक लाखों करोड़ रुपये की बचत की है।

 

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बचत के प्रमुख आंकड़े

➤ एलपीजी कनेक्शन: 4.15 करोड़ नकली और निष्क्रिय एलपीजी कनेक्शनों को समाप्त करने से 73,443 करोड़ रुपये की बचत हुई।
➤ राशन कार्ड: 5 करोड़ नकली और गैर-मौजूद राशन कार्डों को हटाने से 1.85 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई।
➤ मनरेगा: मनरेगा योजना में 7.10 लाख फर्जी जॉब कार्ड हटाने से 42,534 करोड़ रुपये की बचत हुई।
➤ राष्ट्रीय छात्रवृत्ति सहायता कार्यक्रम: 11.05 लाख नकली लाभार्थियों को हटाने से 537 करोड़ रुपये की बचत हुई।
➤ अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना: 30.92 लाख नकली लाभार्थियों को हटाने से 1,916 करोड़ रुपये की बचत हुई।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि जब उन्होंने 2014 में पदभार संभाला तो उन्होंने देखा कि भारत में कई फर्जी नामों पर पेंशन और अन्य लाभ दिए जा रहे थे। मोदी ने कहा, "कुछ नाम तो ऐसे थे जिन्हें मैंने सिस्टम से हटा दिया और उन नामों के तहत एक करोड़ लोग थे जिनके बारे में हमने पता लगाया कि वे फर्जी थे।"

उन्होंने बताया कि इसके बाद सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की शुरुआत की जिससे सरकारी धन सीधे लाभार्थियों तक पहुंचा और बिचौलियों को हटा दिया गया। इसके परिणामस्वरूप भारत ने लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की बचत की है जो अन्यथा गलत हाथों में चला जाता।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप जैसे विश्व नेता भी इस प्रक्रिया की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, "इससे मुझे भी खुशी होती है क्योंकि हम अपने देश को भ्रष्टाचार और झूठी प्रथाओं से मुक्त कर रहे हैं और मैं इसे खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रहा हूं।"

वहीं प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार यह उनके प्रयासों का हिस्सा था जो देश में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ाने के लिए किए गए थे। इस प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर फर्जी और डुप्लिकेट नामों को हटाया गया और योजनाओं का फायदा सही लोगों तक पहुंचाया गया।

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