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प्रयागराज में स्थानीय लोगों ने दिखाई मानवता की मिसाल, भगदड़ में फंसे श्रद्धालुओं की मदद के लिए आए आगे

Edited By Radhika,Updated: 31 Jan, 2025 04:57 PM

local people showed example of humanity in prayagraj

महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के बाद स्थानीय लोग परेशान हाल श्रद्धालुओं की मदद के लिए तुरंत आगे आए और उन्हें भोजन पानी के साथ ही आश्रय उपलब्ध कराया। मेला प्रशासन और जिला प्रशासन जहां मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटना के बाद भीड़ संभालने...

नेशनल डेस्क: महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के बाद स्थानीय लोग परेशान हाल श्रद्धालुओं की मदद के लिए तुरंत आगे आए और उन्हें भोजन पानी के साथ ही आश्रय उपलब्ध कराया। मेला प्रशासन और जिला प्रशासन जहां मौनी अमावस्या पर भगदड़ की घटना के बाद भीड़ संभालने और उनकी सुरक्षित निकासी में व्यस्त रहा, स्थानीय लोगों ने भूखे प्यासे और थके श्रद्धालुओं को भोजन प्रसाद, आश्रय और परिवहन की सहायता कर मानवता की एक मिसाल कायम की। डाक्टर अंजलि केसरी ने पीटीआई से कहा, “इलाहाबाद में हम महाकुंभ के श्रद्धालुओं को बाहरी के तौर पर नहीं देखते, हम उनके मेजबान हैं और वे हमारे अतिथि हैं। चौक में हमारे पड़ोसियों ने मिलकर थके श्रद्धालुओं को भोजन खिलाया।” उन्होंने कहा, “कल ही हमने नाश्ते के साथ 80 लीटर दूध से चाय बना कर वितरित की, जबकि अन्य लोगों ने तहरी और दाल चावल आदि वितरित किया।”

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शहर में कई होटलों ने श्रद्धालुओं को ठहरने की जगह उपलब्ध करायी। इनमें से एक आलोक सिंह जो सिविल लाइंस में होटल विट्ठल चलाते हैं, उन्होंने 100 बेड की डॉरमेटरी को निःशुल्क श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा, “गंगा में स्नान के बाद कई श्रद्धालु लौटते समय काफी थक जाते हैं। दूसरों की मदद करना प्रयागराज की संस्कृति है। होटल में कमर का किराया 12,000 रुपये से 25,000 रुपये तक है लेकिन यह डॉरमेटरी पूरी तरह से निःशुल्क है।” मेले में सेक्टर 17 के हर्षवर्धन मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए देर रात तक भंडारा चला रहे दंत चिकित्सक डाक्टर कृष्ण सिंह ने कहा, “हम देर रात तक भंडारा इसलिए चला रहे हैं ताकि कोई भी भूखा ना रहे। हमारे यहां भंडारा शाम पांच बजे से रात 2 बजे तक चलता है।” इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डाक्टर मृत्युंजय परमार ने पीटीआई को बताया कि भगदड़ की घटना के बाद इस विश्वविद्यालय ने अपना परिसर और छात्रावास श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए ताकि वे वहां आराम कर सकें। उन्होंने कहा, “हमारे पास शताब्दी छात्रावास, केपीयूसी, पीसी बनर्जी और सर सुंदरलाल छात्रावास जैसे कई छात्रावास हैं जहां विद्यार्थी श्रद्धालुओं की सहायता कर रहे हैं।

वहीं, महादेवी वर्मा छात्रावास और कल्पना चावला छात्रावास की छात्राएं भी अपना योगदान कर रही हैं।” बीए एलएलबी के अंतिम वर्ष के छात्र अभिनव मिश्रा ने कहा कि वह और उनके सहपाठी श्रद्धालुओं को चाय, बिस्कुट और नाश्ते का वितरण कर रहे हैं। मिश्रा ने कहा, “हमारी फैकल्टी बैंक रोड के पास है जहां से कई श्रद्धालु प्रयागराज स्टेशन तक पहुंचने के लिए गुजरते हैं। उनको परेशान देखकर हमें लगा कि उनकी मदद करनी चाहिए।” पुराने शहर में स्थित यादगारे हुसैनी इंटर कालेज ने भी श्रद्धालुओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए। यह कालेज बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के पास है। कालेज के हसन नकवी ने बताया, “भगदड़ के बाद आपात स्थिति थी। मैनेजर गोहर काजमी और प्रवक्ता रजा अब्बास सहित कालेज प्रबंधन ने तत्काल यह निर्णय किया। हमने श्रद्धालुओं के लिए चाय नाश्ते की व्यवस्था की और उन्हें अन्य सुविधाएं मुहैया कराईं।” बुधवार को तड़के संगम नोज पर हुई भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी, और 60 लोग घायल हो गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, 30 करोड़ श्रद्धालु बृहस्पतिवार तक गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं। 

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