Edited By Tanuja,Updated: 04 Jun, 2024 04:53 PM
भारत में लोकसभा चुनाव के नतीजों के शुरुआती रुझानों में भाजपा की सीटें काफी घट रही हैं। हालांकि रिजल्ट में एक बार फिर NDA की सरकार...
इस्लामाबादः भारत में लोकसभा चुनाव के नतीजों के शुरुआती रुझानों में भाजपा की सीटें काफी घट रही हैं। हालांकि रिजल्ट में एक बार फिर NDA की सरकार बनती नजर आ रही है लेकिन रुझानों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन बहुमत के आंकड़े से वह दूर रह गई है। 2019 के मुकाबले भाजपा की सीटें घटने पर पाकिस्तान के नेता खुशी से झूम रहे हैं। इमरान खान की सरकार में मंत्री रहे फवाद चौधरी ने भाजपा को मिले झटके पर खुशी जताई है। फवाद ने कहा कि उनको उम्मीद थी कि भारत की जनता नरेंद्र मोदी और उनकी विचारधारा को खारिज करेगी। यही हुआ है, जो दावे भाजपा को लेकर किए गए थे, वो फेल हो रहे हैं।
फवाद चौधरी ने अपने ट्वीट में कहा, 'भारतीय मतदाताओं पर हमेशा से विश्वास रहा है कि अतिवादियों और नफरत फैलाने वालों को खारिज कर देंगे। नतीजों में ये साफ दिख रहा है कि कैसे भाजपा के मोदी और राजनाथ सिंह भी मुश्किल से लोकसभा में पहुंच पा रहे हैं। वहीं कांग्रेस के राहुल गांधी अपनी दोनों सीटें जीत रहे हैं।' फवाद चौधरी ने एक और ट्वीट में लिखा कि भारत में भी वही हुआ है जो पाकिस्तान के चुनाव में हुआ। पाकिस्तान की तरह भारत में मोदी गलत साबित हुए। फवाद चौधरी ने इससे पहले भारत चुनावों के बारे में आए एग्जिट पोल पर भी सवाल उठाते हुए कहा था इसमें चीजों को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है।
फवाद चौधरी पाकिस्तान के उन नेताओं में शामिल हैं, जिनकी ओर से भारत के चुनाव पर लगातार बयान दिए गए थे। उन्होंने बार बार भारत के लोगों से नरेंद्र मोदी को हराने की अपील की थी। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने चुनावों के बीच में कांग्रेस के राहुल गांधी को अच्छा नेता बताते हुए ट्वीट किया था। उनके इस ट्वीट की भारत के चुनावों में भी चर्चा रही।
चौधरी ने भारतीय चुनावों पर बयानबाजी की वजह पूछने पर कहा था कि पाकिस्तानी राहुल को पीएम देखना चाहते हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बहुसंख्यकवाद पर बढ़ रहा है। ये भारत और उसके पड़ोसियों के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे में हमें चाहिए कि राहुल गांधीं, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी में से जो भी नरेंद्र मोदी को हराए, उसका हमें सपोर्ट करना चाहिए। फवाद ने कहा था, 'मैं तो राहुल या मोदी किसी को भी निजी तौर पर नहीं जानता। मेरी समझ ये है कि जो भी भारत में कट्टरपंथ से लड़े, उसे हमारा समर्थन होना चाहिए।'