Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Feb, 2023 02:33 PM
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भारतीय जनता पार्टी के सांसद चंद्रपकाश जोशी ने रानी पद्मावती के ‘जौहर' से जुड़े ऐतिहासिक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए मंगलवार को लोकसभा में ‘सतीत्व' शब्द का इस्तेमाल किया जिस पर विरोध जताते हुए द्रमुक और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया...
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद चंद्रपकाश जोशी ने रानी पद्मावती के ‘जौहर' से जुड़े ऐतिहासिक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए मंगलवार को लोकसभा में ‘सतीत्व' शब्द का इस्तेमाल किया जिस पर विरोध जताते हुए द्रमुक और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही करीब 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए जोशी ने रानी पद्मावती के ‘जौहर' का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे बड़ा कोई बलिदान नहीं हो सकता। उनकी टिप्पणी पर द्रमुक सदस्यों समेत कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया और भाजपा सदस्य पर ‘सती प्रथा' का समर्थन करने का आरोप लगाया। हंगामा होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोपहर करीब एक बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर डेढ़ बजे तक स्थगित कर दी।
सदन की कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर बिरला ने कहा कि जो विषय आया था। अध्ययन करने के बाद उसे कार्यवाही से हटा दूंगा। भाजपा सांसद जोशी ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि मैंने अपनी बात में सती प्रथा का समर्थन नहीं किया और ना ही मेरी पार्टी इसका समर्थन करती है। अनुवाद की गलत हो सकती है और सतीत्व को सती से जोड़ दिया गया। उनका कहना था कि मेरी सरकार और मैं इस प्रथा के पक्ष में नहीं हैं। मेरी सरकार की प्राथमिकता राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति की है। अमृत उद्यान, कर्तव्यपथ नामकरण का देश में सराहना हुई है।
उन्होंने कहा कि इतिहास में मीरा से बड़ा भक्त नहीं, पद्मावती से बड़ा बलिदान नहीं। एक पत्थर लगा दिया गया जिसमें लिखा था कि अलाउद्दीन खिलजी ने आइने में रानी को देखा था। खिलजी को चेहरा नहीं दिखाना पड़े, इसलिए रानी पद्मावती ने ‘जौहर' किया था। उनकी बात पर विपक्ष के सदस्य फिर विरोध करने लगे। जोशी ने कहा कि कुछ सदस्यों को शायद हिंदी समझ में नहीं आ रही होगी। लोकसभा अध्यक्ष ने भाजपा सांसद की टिप्पणी के खिलाफ विरोध करते हुए कुछ विपक्षी सदस्यों के सत्तापक्ष की सीटों की ओर आने के संदर्भ में कहा कि ऐसे सदन नहीं चलेगा। सदस्यों की सीट के पास नहीं जाएं।
द्रमुक सांसद ए राजा भी विरोध जताते हुए अपनी सीट से आगे आ गये थे। उन्होंने अध्यक्ष से कहा कि मैं आपकी सलाह मानता हूं। हम सभी आसन के बताये नियम का पालन करना चाहते हैं। कुछ मुद्दों पर विवाद लोकतांत्रिक तरीके से हो सकता है, लेकिन कुछ विषय अमानवीय होते हैं। इसके बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी।