Edited By Parminder Kaur,Updated: 24 Feb, 2025 02:55 PM
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महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र ब्राजील से आए भगवान शिव के भक्तों का एक बड़ा जत्था है, जिन्होंने अपनी अनूठी भक्ति से महाकुंभ में सबका...
नेशनल डेस्क. महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र ब्राजील से आए भगवान शिव के भक्तों का एक बड़ा जत्था है, जिन्होंने अपनी अनूठी भक्ति से महाकुंभ में सबका ध्यान आकर्षित किया है।
ब्राजील से महाकुंभ में पहुंचे शिवभक्त
दो दर्जन से अधिक ब्राजीली युवा विशेष रूप से महाशिवरात्रि स्नान के लिए प्रयागराज आए हैं। यह भक्त रियो डी जनेरियो और साओ पाउलो शहरों से जुड़े हैं, जहां भगवान शिव के कई मंदिर स्थित हैं।
शिवभक्ति में वर्षों से लीन हैं ये युवा
ब्राजील के इस समूह के समन्वयक हेनरिक मोर ने बताया कि ये सभी युवा वर्षों से शिवभक्ति में लीन हैं और इस बार महाकुंभ में त्रिवेणी स्नान का संकल्प लेकर आए हैं। उनका कहना है कि महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी से भारतीय संस्कृति की वैश्विक प्रभाव का स्पष्ट संकेत मिलता है, जो सनातन धर्म की गहराई और व्यापकता को दर्शाता है।
भगवान शिव के प्रतीकों से सजी भक्ति
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ब्राजील के इन भक्तों की भक्ति और समर्पण अद्भुत है। उनके शरीर पर भगवान शिव से जुड़े विभिन्न प्रतीकों के टैटू गुदे हुए हैं, जैसे त्रिशूल, डमरू और महाकाल की आकृतियां। पुरुषों के कानों में त्रिशूल के आकार की कुंडलियां और महिलाओं के हाथों में ओम व रुद्राक्ष की माला इनकी भक्ति को और भी खास बना रही है।
धार्मिक टैटू की परंपरा से प्रेरित
इसाबेला नाम की एक भक्त ने बताया कि ब्राजील में कयापो समुदाय के लोग धार्मिक प्रतीकों का टैटू गुदवाने की परंपरा को मानते हैं और उनसे प्रेरित होकर उन्होंने शिवभक्ति के इस अनूठे रूप को अपनाया है। ग्रुप के सदस्य बताते हैं कि वे हर साल महाशिवरात्रि के समय वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और गंगा स्नान करने जाते थे, लेकिन इस बार उन्होंने महाकुंभ के अद्भुत आयोजन को देखने के लिए प्रयागराज आने का निर्णय लिया।
आध्यात्मिक अनुभव से मिली नई ऊर्जा
इन श्रद्धालुओं का मानना है कि महाकुंभ में इस अलौकिक अनुभव ने उनके जीवन में नई ऊर्जा का संचार किया है। हेनरिक मोर ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने का एक अनमोल अवसर भी है।
संगम स्नान से आत्मिक शांति की प्राप्ति
अब ये ब्राजीली श्रद्धालु महाशिवरात्रि के पावन स्नान के लिए व्यग्रता से इंतजार कर रहे हैं। उनका विश्वास है कि संगम में स्नान करने से उन्हें आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होगी। महाकुंभ के इस अद्भुत धार्मिक आयोजन में ब्राजील से आए श्रद्धालुओं की भक्ति एक मिसाल है और यह दिखाता है कि भगवान शिव की महिमा न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में फैली हुई है।