Edited By Archna Sethi,Updated: 17 Oct, 2024 02:46 PM
भगवान वाल्मीकि ने समूची मानवता को कल्याण का मार्ग दिखाया
चंडीगढ़,17 अक्टूबर (अर्चना सेठी) आज हम आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती के समारोह मना रहे हैं। धार्मिक नगरों के सर्वांगीण विकास पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिससे उनकी ऐतिहासिक महानताओं के बारे में समूची मानवता को अवगत किया जा सके। यह प्रगटावा हरजोत सिंह बैंस, कैबिनेट मंत्री सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा एवं औद्योगिक शिक्षा पंजाब ने आज श्री आनंदपुर साहिब में भगवान महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर आयोजित भव्य और प्रभावशाली धार्मिक समारोह में संगतों को संबोधित करते हुए दी। आज महर्षि वाल्मीकि जयंती के मौके पर धार्मिक संस्थाओं द्वारा शोभा यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्रवासियों ने धूमधाम से भाग लिया।
बैंस ने कहा कि यदि हम भगवान वाल्मीकि के जीवन पर नजर डालें, तो हमें पता चलता है कि भगवान वाल्मीकि जी ने रामायण लिखी थी। वाल्मीकि जयंती को प्रकट दिवस के रूप में मनाया जाता है।बैंस ने बताया कि भगवान वाल्मीकि की मुलाकात भगवान राम चंद्र से उनके वनवास के दौरान हुई थी। यह भी कहा जाता है कि भगवान वाल्मीकि ने माता सीता को अपना आश्रम रहने के लिए दिया था, जहाँ उन्होंने अपने पुत्र लव और कुश को जन्म दिया था। लव और कुश के जन्म के बाद, भगवान वाल्मीकि उनके गुरु बन गए और उन्हें रामायण के बारे में शिक्षा दी, जिसमें 24,000 हज़ार श्लोक और 7 कांड हैं।
उन्होंने बताया कि भगवान वाल्मीकि द्वारा लिखी रामायण में भगवान राम चंद्र द्वारा रावण को मारने का वर्णन है, जिसे बुराई और अच्छाई की जीत के त्योहार दशहरे के रूप में मनाते हैं, और भगवान राम के अयोध्या लौटने के बारे में भी बताया गया है, जिसे रोशनी के त्योहार दीपावली के रूप में मनाया जाता है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि भगवान वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण को प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ के रूप में मान्यता प्राप्त है। बैंस ने कहा कि भगवान वाल्मीकि को आदि कवि या पहले कवि के रूप में जाना जाता है। उन्हें नारद मुनि ने भगवान राम जी के जीवन से जोड़ा, और आज महर्षि वाल्मीकि जी की रचनाएँ समूची मानवता और कुल संसार को संदेश दे रही हैं।