Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Jan, 2025 09:36 AM
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के वैकुंठ द्वार दर्शन के टोकन लेने के दौरान बुधवार को बड़ा हादसा हो गया। भारी भीड़ के चलते मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और करीब 25 लोग घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया,...
नेशनल डेस्क: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के वैकुंठ द्वार दर्शन के टोकन लेने के दौरान बुधवार को बड़ा हादसा हो गया। भारी भीड़ के चलते मची भगदड़ में छह लोगों की मौत हो गई और करीब 25 लोग घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया और राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए गुरुवार सुबह अस्पताल जाने की घोषणा की।
कैसे हुई भगदड़?
हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए काउंटरों पर जुटे थे। 9 जनवरी की सुबह से टोकन वितरण शुरू होना था, लेकिन भक्त 8 जनवरी की रात से ही लाइन में लगने लगे। रिपोर्टों के अनुसार, घटनास्थल पर करीब 4,000 लोग एकत्र हो गए थे, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई।
पहचान हुई पहली पीड़िता की
मृतकों में एक महिला मल्लिका की पहचान हो चुकी है। मल्लिका के पति ने बताया कि उनकी पत्नी अन्य भक्तों के साथ टोकन लेने की कोशिश कर रही थी, जब भगदड़ में उनकी जान चली गई। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि परिवार को इस त्रासदी की जानकारी दी जा चुकी है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने घायलों को हरसंभव चिकित्सा सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने भी घटना पर खेद व्यक्त करते हुए सुरक्षा चूक को स्वीकार किया। टीटीडी के बोर्ड सदस्य भानु प्रकाश ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भक्तों से माफी मांगी और कहा कि इस घटना से सबक लेते हुए भविष्य में बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायल व्यक्तियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया।
वैकुंठ द्वार दर्शन और तैयारियां
हर साल वैकुंठ एकादशी के अवसर पर लाखों श्रद्धालु तिरुपति मंदिर आते हैं। इस बार 10 जनवरी से 19 जनवरी तक विशेष वैकुंठ द्वार दर्शन आयोजित किए जा रहे हैं। टोकन वितरण के जरिए दर्शन की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए काउंटर लगाए गए थे। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने एक दिन पहले बताया था कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
आगे की व्यवस्था पर जोर
यह हादसा दर्शाता है कि धार्मिक आयोजनों में भारी भीड़ के प्रबंधन के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम और रणनीतियां जरूरी हैं। उम्मीद है कि इस घटना के बाद प्रशासन और टीटीडी भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।