Edited By Mahima,Updated: 02 Jan, 2025 11:52 AM
14 साल के ग्राफिक डिजाइनिंग अनुभव के बाद कमलेश कामटेकर को नौकरी से निकाल दिया गया। पांच महीनों तक कई कंपनियों में कोशिश करने के बावजूद नौकरी नहीं मिली। अंततः उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू करने की बजाय ऑटो रिक्शा चलाने का निर्णय लिया। कमलेश की यह...
नेशनल डेस्क: मुंबई का एक अनुभवी ग्राफिक डिजाइनर, कमलेश कामटेकर, 2024 की शुरुआत में एक कठिन स्थिति का सामना कर रहे थे, जब उनकी नौकरी को कंपनी में कोस्ट कटिंग के चलते खत्म कर दिया गया। इसके बाद से वह अपने अनुभव और कौशल के बावजूद, रोजगार की तलाश में परेशान हो गए। 14 साल के करियर में उन्होंने कई नामी कंपनियों में असिस्टेंट क्रिएटिव मैनेजर और ग्राफिक डिजाइनर के रूप में काम किया था, लेकिन एक दिन अचानक नौकरी चली गई और उनका जीवन एक नई चुनौती से जूझने की ओर बढ़ गया।
नौकरी की तलाश में मिला कठिन संघर्ष
कमलेश के लिए नौकरी की तलाश किसी अभिशाप से कम नहीं थी। नौकरी जाने के बाद उन्होंने अपनी सीवी और रिज़्युमे को विभिन्न कंपनियों में भेजा, रेफरेंस और कनेक्शन्स के जरिए भी प्रयास किए, लेकिन हर बार उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। कमलेश ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर लिखा, “मैंने पांच महीने तक बहुत कोशिश की, पर हर बार मुझे रिजेक्ट कर दिया गया। किसी कंपनी ने कहा कि 'हमारे पास बजट नहीं है', तो किसी ने पूछा क्या आप कम सैलरी पर काम कर सकते हैं? इस दौरान कई बार खुद से सवाल किया कि आखिर किस वजह से मेरे इतने अनुभव के बावजूद नौकरी नहीं मिल रही।”
नौकरी से होने वाली निराशा
कमलेश ने लिखा कि नौकरी खोजने के इस पूरे सफर में उन्होंने कई परेशानियाँ महसूस कीं। हर आवेदन के साथ कोई न कोई बहाना बना दिया गया – कभी बजट की कमी तो कभी अनुभव के हिसाब से उपयुक्त भूमिका न होने का बहाना। विशेष रूप से उन पेशेवरों के लिए, जो लंबे समय से एक फील्ड में काम कर रहे होते हैं, यह स्थिति और भी कष्टकारी होती है। कमलेश के लिए यह स्थिति और कठिन हो गई थी क्योंकि उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से ग्राफिक डिजाइनिंग के क्षेत्र में एक अच्छा मुकाम हासिल किया था, लेकिन फिर भी उन्हें नौकरी मिलने में कठिनाई हो रही थी।
ऑटो रिक्शा चलाने का लिया निर्णय
पाँच महीनों के बाद जब उन्हें कोई उम्मीद नहीं दिखी, तो कमलेश ने आत्ममंथन किया और अंत में एक अप्रत्याशित निर्णय लिया। उन्होंने सोचा, "क्यों न मैं खुद का व्यवसाय शुरू करूं? किसी और के लिए काम करने से अच्छा है, कम से कम अपनी कमाई तो होगी।" इस सोच के बाद उन्होंने अपने सभी डिज़ाइनिंग कौशल को एक तरफ रखा और मुंबई की सड़कों पर ऑटो रिक्शा चलाने का निर्णय लिया। यह फैसला कमलेश के लिए एक कठिन लेकिन साहसिक कदम था, जिसमें उन्होंने अपने आत्मसम्मान और मेहनत को नए तरीके से परखा। उन्होंने यह भी लिखा, “भाड़ में जाए नौकरी, अब खुद का व्यवसाय करेंगे। अब मुझे किसी और के लिए काम करने की बजाय अपनी मेहनत से अपनी इनकम हासिल होगी।”
लिंक्डइन पर साझा की अपनी कहानी
कमलेश ने अपनी इस अनोखी यात्रा को साझा करने के लिए लिंक्डइन का सहारा लिया, जहाँ उन्होंने अपने 28,000 फॉलोवर्स और 500 से अधिक कनेक्शन्स के साथ अपनी कहानी साझा की। उन्होंने अपनी स्टोरी में न केवल अपनी कठिनाईयों का वर्णन किया, बल्कि यह भी बताया कि किस तरह से उन्होंने अपनी पूरी जिद्द और साहस से खुद का रास्ता चुना। उनका यह कदम आज न केवल ग्राफिक डिजाइनिंग इंडस्ट्री के लिए बल्कि हर उस पेशेवर के लिए एक प्रेरणा बन गया है, जो नौकरी खोजते-खोजते थक चुका है।
क्या है कहानी में संदेश ?
कमलेश की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि मुश्किलों के बीच भी एक नया रास्ता ढूंढना संभव है। जब जॉब मार्केट में कड़ी प्रतिस्पर्धा हो और कोई नौकरी न मिले, तो यह जरूरी नहीं कि हमें हार माननी चाहिए। कभी-कभी, हमें अपनी दिशा बदलने की जरूरत होती है। यही नहीं, उन्होंने यह भी साबित किया कि हमारे पास हमेशा विकल्प होते हैं, चाहे वह एक नया व्यवसाय शुरू करना हो या किसी अन्य तरीके से अपने कौशल का उपयोग करना हो। कमलेश ने साबित किया कि अगर आप अपने आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए किसी नए रास्ते पर चलने का साहस दिखाते हैं, तो कोई भी मुश्किल आपको सफलता की ओर बढ़ने से रोक नहीं सकती। उनका निर्णय, जो एक तरफ से निराशा का परिणाम था, आज आत्मनिर्भरता और संघर्ष का प्रतीक बन चुका है।