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12 वर्षीय नेपाली लड़के को लगी गंभीर चोट, लखनऊ के टेंडर पाम अस्पताल के डॉक्टरों ने की सफल सर्जरी

Edited By Parminder Kaur,Updated: 08 Mar, 2025 04:33 PM

lucknow tender palm hospital done successfu of 12 year old nepali child

नेपाल के एक 12 वर्षीय लड़के के पैरों में एक धातु की रोड घुस गई थी, जिससे रक्तवाहिनियों और नसों को नुकसान हुआ। इस गंभीर स्थिति में बच्चे को तुरंत लखनऊ के टेंडर पाम अस्पताल लाया गया, जहां विशेषज्ञों की एक टीम ने उसे सफलतापूर्वक इलाज प्रदान किया और...

नेशनल डेस्क. नेपाल के एक 12 वर्षीय लड़के के पैरों में एक धातु की रोड घुस गई थी, जिससे रक्तवाहिनियों और नसों को नुकसान हुआ। इस गंभीर स्थिति में बच्चे को तुरंत लखनऊ के टेंडर पाम अस्पताल लाया गया, जहां विशेषज्ञों की एक टीम ने उसे सफलतापूर्वक इलाज प्रदान किया और उसकी टांग को बचा लिया।

चोट की जटिलता और इलाज का तरीका

इस प्रकार की गंभीर चोटों में रक्तवाहिनियों और नसों के साथ हड्डी और नरम ऊतकों का जुड़ाव दुर्लभ होता है, जिसके लिए एक समन्वित शल्य चिकित्सा टीम की आवश्यकता होती है। यदि समय पर हस्तक्षेप न किया जाए या विशेषज्ञता का अभाव हो, तो अंग का नुकसान या स्थायी विकलांगता हो सकती है। इस मामले में विशेषज्ञों की टीम ने सटीक और त्वरित इलाज से बच्चे का इलाज किया, जिससे उसकी टांग को बचाया जा सका।

विशेषज्ञों की टीम द्वारा सफल शल्य चिकित्सा

बच्चे के इलाज के लिए एक अनुभवी डॉक्टरों की टीम बनाई गई, जिसमें शामिल थे...

डॉ. सिद्धार्थ तिवारी (अर्थोपेडिक सर्जन) – जिन्होंने हड्डी स्थिरीकरण का प्रबंधन किया।

डॉ. आशुतोष पांडे (वैस्कुलर सर्जन) – जिन्होंने अंग में रक्त प्रवाह को पुनर्स्थापित किया।

डॉ. नीलम (प्लास्टिक सर्जन) – जिन्होंने नरम ऊतकों और मांसपेशियों की क्षति को सही किया।

चोट के बाद पहले कदम के रूप में धातु की छड़ी को सावधानीपूर्वक निकाला गया और रक्त वाहिकाओं की मरम्मत कर रक्त प्रवाह को बनाए रखा गया। इसके बाद हड्डी स्थिरीकरण के लिए आगे की शल्य चिकित्सा योजना बनाई गई। प्लास्टिक सर्जरी ने मांसपेशियों और त्वचा की क्षति की मरम्मत करके बच्चे के ठीक होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विशेषज्ञों का दृष्टिकोण

डॉ. सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि सबसे पहले हमें अंग को स्थिर करना और रक्त आपूर्ति को संरक्षित रखना था, जो सफलतापूर्वक किया गया। अब हड्डियों में सुधार के लिए आगे की शल्य चिकित्सा की योजना बनाई गई है। डॉ. आशुतोष पांडे ने कहा कि ऐसी चोटें दुर्लभ होती हैं और इनमें तत्काल वैस्कुलर विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। समय पर उपचार के कारण रक्त प्रवाह को पुनः स्थापित किया जा सका और अंग काटने से बचाया गया। डॉ. नीलम ने कहा कि नरम ऊतकों और मांसपेशियों का पुनर्निर्माण बहुत महत्वपूर्ण था और यह कार्यात्मक पुनर्प्राप्ति में अहम भूमिका निभाएगा। रोगी को निरंतर पुनर्वास की आवश्यकता होगी, लेकिन हम परिणामों को लेकर आशावादी हैं।


अस्पताल की प्रतिष्ठा में वृद्धि

यह घटना यह साबित करती है कि जटिल चोटों के लिए एक विशेषज्ञों की टीम का होना कितना महत्वपूर्ण है। सफल इलाज ने टेंडर पाम अस्पताल की प्रतिष्ठा को उत्तर भारत में एक प्रमुख ट्रॉमा और वैस्कुलर देखभाल केंद्र के रूप में और मजबूत किया है। वर्तमान में बच्चा स्थिर है और अच्छी तरह से ठीक हो रहा है। उसकी पूरी तरह से कार्यात्मक पुनर्स्थापना सुनिश्चित करने के लिए आगे की चिकित्सा योजना बनाई गई है।

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