Edited By Rahul Rana,Updated: 24 Nov, 2024 02:07 PM
भारतीय गेमिंग उद्योग ने हाल के वर्षों में जबरदस्त विकास देखा है। मेड इन इंडिया वीडियो गेम विश्वव्यापी वेब पर प्रसारित हो रहे हैं। अब अधिक से अधिक भारतीय कंपनियां उच्च-गुणवत्ता वाले और भारी बजट वाले गेम बना रही हैं जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर...
नेशनल डेस्क। भारतीय गेमिंग उद्योग ने हाल के वर्षों में जबरदस्त विकास देखा है। मेड इन इंडिया वीडियो गेम विश्वव्यापी वेब पर प्रसारित हो रहे हैं। अब अधिक से अधिक भारतीय कंपनियां उच्च-गुणवत्ता वाले और भारी बजट वाले गेम बना रही हैं जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। यह बदलाव भारतीय गेम डेवलपर्स के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है जो पहले ज्यादातर कैज़ुअल और छोटे बजट वाले खेलों पर ध्यान केंद्रित करते थे। बता दें कि पिछले महीने दो बड़े और हाई-प्रोफाइल एएए (AAA) गेम्स का लॉन्च हुआ। ये गेम्स हैं इंडस बैटल रॉयल और रेज इफेक्ट: मोबाइल। इंडस बैटल रॉयल गेम ने 16 अक्टूबर को रिलीज़ होने के बाद से एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर लगभग 5 मिलियन डाउनलोड देखे हैं। वहीं, रेज इफेक्ट: मोबाइल - एक शूटर गेम, जो अभी अपने ओपन बीटा संस्करण में है, ने 120,000 प्री-रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा पार किया है।
इंडस बैटल रॉयल की सफलता
पुणे स्थित गेम डेवलपर सुपरगेमिंग ने इंडस बैटल रॉयल को 160 लोगों की टीम के साथ विकसित किया है। रॉबी जॉन जो सुपरगेमिंग के सह-संस्थापक और CEO हैं, ने कहा, "हम गर्व महसूस करते हैं कि एक भारतीय स्टूडियो ने एक ऐसा गेम बनाया है जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकता है। इस गेम के साथ हम भारत में उभरती गेमिंग प्रतिभाओं को समर्थन देने के लिए 2.5 करोड़ रुपये के पुरस्कार पूल के साथ एक साल तक चलने वाला ईस्पोर्ट्स टूर्नामेंट भी आयोजित कर रहे हैं।"
वहीं इंडस बैटल रॉयल ने प्रमुख निवेशकों से भी समर्थन प्राप्त किया है, जैसे बंदाई नमको, अकात्सुकी एंटरटेनमेंट, और स्काईकैचर। इस मौके पर रॉबी जॉन ने कहा कि इन निवेशकों का समर्थन भारतीय गेमिंग उद्योग में बढ़ते विश्वास और इनोवेशन को दर्शाता है।
भारत में गेमिंग का भविष्य: एफएयू-जी
इसी तरह, एफएयू-जी (Fearless and United Guards) नामक भारतीय निर्मित प्रथम-व्यक्ति शूटर गेम भी काफी चर्चा में है। डॉट9 गेम्स के सह-संस्थापक और CEO दीपक ऐल ने कहा, "इसी तरह जैसे भारतीय फिल्में सांस्कृतिक सॉफ़्ट पावर के रूप में काम करती हैं भारतीय खेल भी वैश्विक स्तर पर बढ़ सकते हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है।"
एफएयू-जी अगले साल की शुरुआत में लॉन्च होने वाला है। इसके भारतीय सैन्य विषय को लेकर गेमिंग समुदाय में बहुत उत्साह है। एक हालिया सर्वेक्षण में लगभग 90% दर्शकों ने गेम के भारतीय सैन्य थीम को सराहा और 70% ने गेमप्ले को अपनी उम्मीदों से बेहतर बताया।
भारत में गेम डेवलपमेंट की लागत
भारत में गेम डेवलपमेंट के लिए परिचालन लागत लगभग 1-2 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष है। हालांकि भारत के बाहर की तुलना में ये लागत बहुत कम है। डॉट9 गेम्स के एआईएल ने कहा कि, "अगर आपका गेम कई वर्षों तक विकसित होता है तो आप इसका अनुमान लगा सकते हैं कि लागत कितनी बढ़ सकती है।"
चुनौतियां और अवसर
फंडिंग सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है लेकिन यह अकेली समस्या नहीं है। अंडरडॉग्स के सह-संस्थापक चव्हाण ने कहा कि भारत में प्रतिभा तो मौजूद है लेकिन विश्वस्तरीय खेलों के लिए आवश्यक गहरी समझ विशेषज्ञता और तकनीकी कौशल अभी भी विकसित हो रहे हैं। उन्होंने सोनी का उदाहरण दिया जिन्होंने न केवल फंडिंग दी बल्कि तकनीकी विशेषज्ञता भी प्रदान की जिससे गेम डेवलपर्स को मदद मिली।
भारत का गेमिंग उद्योग एक नई दिशा में
भारत का गेमिंग उद्योग अब उच्च-गुणवत्ता वाले गेम बनाने की ओर अग्रसर है जो न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। साथ ही ईस्पोर्ट्स और गेम डेवलपमेंट के लिए सरकार की ओर से बढ़ावा भी इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहा है। आने वाले वर्षों में भारतीय गेमिंग उद्योग में और भी बदलाव और विकास की संभावना है।