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Maha Kumbh: मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना, प्रशासन ने की विशेष तैयारियां

Edited By Harman Kaur,Updated: 28 Jan, 2025 03:07 PM

maha kumbh 10 crore devotees are expected to take bath on mauni amavasya

महाकुंभ 2025 में पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक लोग गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं। इसी कड़ी में कल बुधवार को मौनी अमावस्या पर और 10 करोड़ लोगों के गंगा स्नान करने की संभावना है। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने आज मंगलवार को कहा कि...

नेशनल डेस्क: महाकुंभ 2025 में पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक लोग गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं। इसी कड़ी में कल बुधवार को मौनी अमावस्या पर और 10 करोड़ लोगों के गंगा स्नान करने की संभावना है। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने आज मंगलवार को कहा कि प्रशासन ने मौनी अमावस्या के लिए पूरी तैयारी कर ली है। मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र के चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के उपाय किए गए हैं और एआई से युक्त सीसीटीवी कैमरे तथा ड्रोन से लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
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मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए पहले ही नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, प्रयागराज जिला प्रशासन ने भी स्थानीय लोगों से चार पहिया वाहनों के उपयोग से बचने तथा वरिष्ठ नागरिकों को संगम पर ले जाने के लिए केवल दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करने की अपील की है।

श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने की बनाई गई योजना
प्रदेश सरकार के मुताबिक, मकर संक्रांति (14 जनवरी) को 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों ने अमृत स्नान में हिस्सा लिया। वहीं, आगामी मौनी अमावस्या के लिए आठ से 10 करोड़ लोगों के स्नान करने की संभावना है। मंगलवार को सुबह आठ बजे तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। राज्य सरकार ने कहा कि उसने मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को सुबह पौने सात बजे श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा करने की योजना बनाई है।
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अमृत स्नान (पूर्व में शाही स्नान), महाकुंभ मेले का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा स्नान पर्व होता है। जिसमें दुनियाभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं। अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण विभिन्न अखाड़ों के साधुओं का स्नान होता है। अमृत स्नान की तिथियां सूर्य, चंद्र और बृहस्पति के ज्योतिषीय मेल पर आधारित होती हैं और माना जाता है कि इनके योग से पवित्र नदियों की अध्यात्मिक शक्ति बढ़ जाती है। यह भी माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों का जल अमृत में परिवर्तित हो जाता है।
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मौन रहकर किया जाता है मौनी अमावस्या का स्नान
मौनी अमावस्या का स्नान पारंपरिक रूप से मौन रहकर किया जाता है। इस बीच, प्रयागराज जिला प्रशासन ने पूरे कुंभ क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस बलों की तैनाती की है। जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने कहा, दुनियाभर से आ रहे श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रयागराज के लोगों से दोपहिया वाहनों का उपयोग करने या हो सके तो पैदल चलने का अनुरोध है। भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूल 28, 29 और 30 जनवरी को बंद रहेंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी मौनी अमावस्या के अवसर पर अवकाश घोषित कर दिया है। हर 12 साल में होने वाला महाकुंभ मेला 13 जनवरी को प्रारंभ हुआ और यह 26 फरवरी तक चलेगा। इस मेले में 40 से 50 करोड़ लोगों के आने की संभावना है।

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