Maha Kumbh 2025: फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग के नाम पर ठगी, प्रशासन ने उठाए कड़े कदम

Edited By Parminder Kaur,Updated: 04 Jan, 2025 02:45 PM

maha kumbh 2025 fraud in the name of booking by creating fake website

प्रयागराज में शुरू होने वाला महाकुम्भ मेला इस बार कई चुनौतियाँ लेकर आ रहा है। अनुमान है कि लाखों लोग इस धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचेंगे। प्रशासन के लिए एक बड़ी चिंता ठगी और चोरी की घटनाओं के साथ-साथ साइबर अपराधियों पर काबू पाना भी है।...

नेशनल डेस्क. प्रयागराज में शुरू होने वाला महाकुम्भ मेला इस बार कई चुनौतियाँ लेकर आ रहा है। अनुमान है कि लाखों लोग इस धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचेंगे। प्रशासन के लिए एक बड़ी चिंता ठगी और चोरी की घटनाओं के साथ-साथ साइबर अपराधियों पर काबू पाना भी है। इन साइबर अपराधियों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर टेंट, कॉटेज और होटल की बुकिंग के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने की योजना बनाई है।

पुलिस ने अब तक 80 ऐसी फर्जी वेबसाइट्स की जांच की है और इनमें से 10 से ज्यादा वेबसाइट्स को बंद कराया है। पुलिस का कहना है कि उन्हें ठगी की कई शिकायतें मिल रही हैं और प्रशासन इन मामलों पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

कुम्भ मेला प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सरकार ने कुम्भ क्षेत्र में टेंट लगाने के लिए 8 कंपनियों को चयनित किया है। इन कंपनियों ने 2200 कॉटेज तैयार किए हैं, जिनमें 4400 लोगों के रुकने की व्यवस्था की गई है। इसका उद्देश्य मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को ठगी से बचाना और सही जगह पर रुकने की व्यवस्था सुनिश्चित करना है।

साइबर सुरक्षा के लिए QR कोड की व्यवस्था

महाकुम्भ में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए प्रशासन ने क्यूआर कोड की व्यवस्था की है। इस क्यूआर कोड को स्कैन कर लोग पुलिस से आसानी से जुड़ सकते हैं। इसके अलावा यूपी पर्यटन विभाग ने महाकुम्भ के लिए एक वेबसाइट बनाई है, जहां पर अधिकृत कंपनियों के लिंक उपलब्ध हैं। लोग यहां से अपना टेंट बुक कर सकते हैं और किसी भी ठगी से बच सकते हैं।

नकली पुजारियों और नाव के किराए से बचें

महाकुम्भ मेला प्रशासन ने नावों के किराए को लेकर भी ठगी से बचने के लिए कदम उठाए हैं। प्रशासन और नाविक संघ ने नाव का किराया 75 रुपए तय किया है। इसके साथ ही महाकुम्भ के दौरान स्टीमर और मोटर नाव चलाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। प्रयागराज के तीर्थ पुरोहितों के संगठन और अखाड़ों के सदस्यों ने नकली पुजारियों और पंडों पर निगरानी रखने की तैयारी की है ताकि श्रद्धालुओं से धोखाधड़ी न हो सके। इस तरह से प्रशासन ठगी और साइबर अपराध को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठा रहा है और श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आरामदायक माहौल देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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