Edited By rajesh kumar,Updated: 19 Jan, 2025 03:18 PM
आईआईटी वाले बाबा अभय को जूना अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उन्हें न सिर्फ गुरु का अपमान करने का आरोप लगा, बल्कि उनकी हरकतों की वजह से जूना अखाड़े की परंपराओं का उल्लंघन भी हुआ।
नई दिल्ली: आईआईटी वाले बाबा अभय को जूना अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उन्हें न सिर्फ गुरु का अपमान करने का आरोप लगा, बल्कि उनकी हरकतों की वजह से जूना अखाड़े की परंपराओं का उल्लंघन भी हुआ।
गुरु का अपमान करने का आरोप
बाबा अभय पर आरोप है कि उन्होंने अपने गुरु सोमेश्वर पुरी का अपमान किया। उनका कहना था कि उनके गुरु उन्हें अखाड़े से बाहर निकलवाना चाहते थे क्योंकि उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी। हालांकि, जूना अखाड़े के संत और सन्यासी बार-बार उन्हें समझाते रहे कि वह अपने बयान और व्यवहार को संभालें, लेकिन बाबा अभय नहीं माने और अपनी हरकतों से पीछे नहीं हटे।
जूना अखाड़े के संतों का रुख
जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक हरि गिरी महाराज ने बाबा अभय को बाहर का रास्ता दिखा दिया। उनका कहना है कि सन्यासी के लिए गुरु का स्थान भगवान जैसा होता है, और बाबा अभय ने इस परंपरा का उल्लंघन किया। इसके अलावा, बाबा अभय पर यह भी आरोप है कि वह सनातन धर्म के नाम पर नशे में उल्टा-सीधा बोलते थे और माता-पिता के बारे में अनुचित बातें करते थे।
संस्कारों की अनदेखी
जूना अखाड़े के दूसरे संतों ने भी बाबा अभय को समझाने की कोशिश की थी कि वह अपने व्यवहार को सुधारें और अपने गुरु के प्रति समर्पण रखें, लेकिन वह नहीं माने। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें जूना अखाड़े से निकाल दिया गया है और अब वह किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। बाबा अभय के खिलाफ यह कार्रवाई उनकी वजह से जूना अखाड़े में बढ़ रही भीड़ को लेकर की गई है, जो अखाड़े की परंपराओं और अनुशासन के खिलाफ थी।