महाकुंभ 2025: प्रयागराज में दिखेगा आध्यात्मिकता और संस्कृति का ऐतिहासिक संगम

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 12 Jan, 2025 05:19 PM

maha kumbh 2025 spirituality and culture will be seen in prayagraj

महाकुंभ 2025 न केवल भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव होगा, बल्कि यह भारत की संगठनात्मक क्षमताओं, सुरक्षा उपायों और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता का भी प्रतीक बनेगा। यह आयोजन लाखों लोगों के लिए एक अद्वितीय और परिवर्तनकारी अनुभव...

नेशनल डेस्क: प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने वाला महाकुंभ एक ऐतिहासिक और अद्वितीय आयोजन होगा, जो न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिकता का उत्सव है, बल्कि यह दुनिया भर से 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेगा। महाकुंभ का यह पवित्र संगम भारतीय एकता, भक्ति और संस्कृति की अभूतपूर्व मिसाल पेश करेगा। यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक व्यापक सांस्कृतिक अनुभव होगा, जो भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेगा।

जानें महाकुंभ का पवित्र माहौल और महत्व

महाकुंभ का आयोजन गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर होता है, जिसे त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है। यह स्थल धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और शाही स्नान के दौरान लाखों श्रद्धालु यहाँ अपने पापों को धोने और मुक्ति की प्राप्ति के लिए स्नान करते हैं। ज्योतिषीय रूप से यह आयोजन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के दुर्लभ संरेखण पर आधारित होता है, जो भारतीय आस्था और ज्ञान की गहराई को दर्शाता है। इस दौरान करोड़ों लोग आस्था के साथ यहाँ आते हैं, और यह भारत की सांस्कृतिक धारा को पुनः जीवित करता है।

PunjabKesari

महाकुंभ 2025 का आकर्षण होगा कलाग्राम

महाकुंभ 2025 का एक प्रमुख आकर्षण होगा कलाग्राम, जिसे भारतीय संस्कृति मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया है। यह एक सांस्कृतिक उत्सव है, जो भारत की विविधता में एकता को दर्शाता है। यहाँ परंपरा और आध्यात्मिकता का मेल होगा, और कलात्मक, सांस्कृतिक प्रदर्शनों के माध्यम से भारत की समृद्ध विरासत को जीवंत किया जाएगा।

कलाग्राम का प्रवेश द्वार 35 फीट चौड़ा और 54 फीट ऊँचा होगा, जिस पर 12 ज्योतिर्लिंगों और भगवान शिव की हलाहल सेवन करने की पौराणिक कथा के चित्रण होंगे। यह प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं और आगंतुकों को एक अद्भुत और राजसी अनुभव प्रदान करेगा। इसके अंदर 10,000 श्रद्धालुओं के बैठने की क्षमता वाला एक भव्य गंगा पंडाल होगा, जहाँ विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

PunjabKesari

सांस्कृतिक समागम में प्रसिद्ध कलाकारों की होंगी प्रस्तुतियाँ

महाकुंभ 2025 में एक अद्वितीय सांस्कृतिक उत्सव प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें लगभग 15,000 कलाकार शामिल होंगे। इस भव्य कार्यक्रम में प्रतिष्ठित संगीतकार और कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे, जिनमें शंकर महादेवन, मोहित चौहान, कैलाश खेर, हंस राज हंस, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति, और मैथिली ठाकुर जैसे नाम शामिल होंगे। इन कलाकारों के भव्य संगीत और नृत्य प्रस्तुतियाँ न केवल श्रद्धालुओं को एक अद्भुत अनुभव देंगी, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को भी प्रदर्शित करेंगी।

नाट्य प्रस्तुतियाँ और सांस्कृतिक प्रदर्शन का समागम

इसके अलावा, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और श्रीराम भारतीय कला केंद्र जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा विशेष नाट्य प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की जाएंगी, जिनमें पारंपरिक और आधुनिक नाट्य कला का संगम देखने को मिलेगा। ये प्रस्तुतियाँ भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को उजागर करेंगी और दर्शकों को एक अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेंगी।

महाकुम्भ में 'कलाग्राम' प्रस्तुत करेगा भारत की सांस्कृतिक धरोहर!

देखें माननीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और Technical Guruji के बीच दिलचस्प बातचीत का हिस्सा!#CultureSamvaad #CultureUnitesAll pic.twitter.com/9Z7ifXEIFX

— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) January 9, 2025

PunjabKesari

 

सांस्कृतिक धरोहर और शिल्प प्रदर्शन का महाकुंभ

महाकुंभ 2025 में सांस्कृतिक विविधता और शिल्प का एक और अद्वितीय पहलू होगा। सात संस्कृति आंगन में भारत की विभिन्न शिल्प परंपराओं का प्रदर्शन किया जाएगा, जो देश के विभिन्न हिस्सों की विशेषताओं को उजागर करेगा। जैसे:

  • NZCC (हरिद्वार): लकड़ी की मूर्तियाँ, पीतल के लिंगम, ऊनी शॉल।
  • WZCC (पुष्कर): मिट्टी के बर्तन, कठपुतलियाँ, लघु चित्रकारी।
  • EZCC (कोलकाता): टेराकोटा मूर्तियाँ, पट्टचित्र, कांथा कढ़ाई।
  • SZCC (कुंभकोणम): तंजौर पेंटिंग, रेशमी वस्त्र, मंदिर के आभूषण।
  • NCZCC (उज्जैन): आदिवासी कला, चंदेरी साड़ियाँ, पत्थर की नक्काशी।
  • NEZCC (गुवाहाटी): बांस शिल्प, असमिया रेशम, आदिवासी आभूषण।
  • SCZCC (नासिक): पैठणी साड़ियाँ, वारली कला, लकड़ी की कलाकृतियाँ।

यह शिल्प और कारीगरी भारतीय संस्कृति के अमूल्य खजाने को दर्शाएगी और आगंतुकों को भारतीय कारीगरी और संस्कृति के साथ एक गहरे जुड़ाव का अनुभव कराएगी।

खगोलीय चमत्कार और सांस्कृतिक जुड़ाव का महासंगम

महाकुंभ 2025 में खगोलीय चमत्कार भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगा। एस्ट्रोनाइट स्काई नामक कार्यक्रम में चुनिंदा रातों में खगोलशास्त्र विशेषज्ञ तारों की नुमाइश करेंगे, जो दर्शकों को ब्रह्मांडीय कनेक्शन का अद्भुत अनुभव प्रदान करेंगे। इसके अलावा, पुस्तक प्रदर्शनी और सांस्कृतिक वृत्तचित्र भी आयोजित किए जाएंगे, जो भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को और भी गहरे तरीके से प्रस्तुत करेंगे।

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और वैश्विक पहुंच होगी

महाकुंभ 2025 के आयोजन को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने के लिए संस्कृति मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार डिजिटल प्लेटफार्मों का लाभ उठा रहे हैं। प्रभावशाली लोगों और डिजिटल मीडिया के माध्यम से यह आयोजन पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुका है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत और तकनीकी गुरुजी के बीच एक विशेष बातचीत ने इस आयोजन को दुनिया भर के दर्शकों के बीच और भी आकर्षक बना दिया है।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!