Maha Kumbh 2025: 40 करोड़ श्रद्धालुओं के साथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा 2 लाख करोड़ रुपये का बूस्ट, CM Yogi Adityanath ने गिनाए फायदे

Edited By Mahima,Updated: 09 Jan, 2025 11:47 AM

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसमें 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये का इन्क्रीमेंट हो सकता है। महाकुंभ का आयोजन न केवल आध्यात्मिक और...

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये तक का इन्क्रीमेंट हो सकता है। मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को एक विशाल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बताते हुए कहा कि यह न केवल धार्मिक समागम है, बल्कि एक मजबूत आर्थिक और सामाजिक इंजन के रूप में भी कार्य करेगा।

महाकुंभ से जुड़ी आर्थिक संभावनाएँ
महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन से जुड़ी अर्थव्यवस्था पर सीएम योगी ने विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ 2019 में राज्य की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान हुआ था, और इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन के साथ आर्थिक योगदान में 2 लाख करोड़ रुपये तक की वृद्धि का अनुमान है। योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजनों का हिस्सा है, बल्कि यह स्थानीय व्यापार, पर्यटन और विभिन्न सेवाओं को भी बढ़ावा देता है। मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के कारण होटल, ट्रांसपोर्ट, खुदरा बिक्री, खाद्य सेवाओं, और अन्य व्यवसायों को जबरदस्त बढ़ावा मिलता है। “महाकुंभ भारत के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में से एक है, जो न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है। व्यापारियों, छोटे व्यवसायियों और स्थानीय आबादी के लिए यह एक अत्यधिक लाभकारी अवसर होता है,” सीएम योगी ने कहा।

विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी शहर
महाकुंभ केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने इसे "विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी शहर" बताया, जहां एक समय में 50 लाख से लेकर 1 करोड़ श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ आयोजन का एक प्रमुख उद्देश्य भारतीय समाज की विविधता और एकता को प्रदर्शित करना है। "महाकुंभ एक महान आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। यह न केवल भारतीय संस्कृति को सहेजने का एक तरीका है, बल्कि यह दुनियाभर में भारत की संस्कृति और परंपराओं का प्रचार-प्रसार भी करता है," सीएम योगी ने कहा। महाकुंभ मेला विश्वभर से आस्था और विश्वास के प्रतीक के रूप में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह धार्मिक समागम न केवल भारत, बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को जोड़ने का एक माध्यम बनता है। महाकुंभ का आयोजन न केवल आध्यात्मिक समागम है, बल्कि यह समाज की एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रगति देता है।

श्रद्धालुओं को यहां स्नान करने में कोई कठिनाई न हो
महाकुंभ 2025 के आयोजन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने सभी आवश्यक पहलुओं पर काम शुरू कर दिया है, ताकि यह आयोजन सफल और सुरक्षित तरीके से हो सके। प्रयागराज में संगम क्षेत्र में स्नान घाटों का निर्माण तेजी से चल रहा है, और सुरक्षा, सफाई, और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। स्नान घाटों का निर्माण: संगम क्षेत्र में कुल 12 किलोमीटर लंबे स्नान घाटों का निर्माण किया जा रहा है। इन घाटों को आधुनिक तकनीक और पारंपरिक भारतीय स्थापत्य कला का मिश्रण बनाकर तैयार किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को यहां स्नान करने में कोई कठिनाई न हो। हर घाट पर विभिन्न प्रतीक चिह्न लगाए जाएंगे, जैसे डमरू, त्रिशूल आदि, ताकि श्रद्धालुओं को घाटों की पहचान आसानी से हो सके।

महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था: महिलाओं के लिए अलग-अलग चेंजिंग रूम बनाए जा रहे हैं, ताकि उनकी निजता और सुविधा सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा, हर घाट पर अलग-अलग साफ-सफाई की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। सुरक्षा और सुरक्षा इंतजाम: महाकुंभ में आने वाली भारी भीड़ को देखते हुए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। संगम क्षेत्र में वॉच टावर और कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 24 घंटे की निगरानी सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, घाटों पर पानी की बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जा रही है, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से स्नान कर सकें। प्रकाश व्यवस्था और अन्य सुविधाएँ: संगम क्षेत्र के सभी घाटों पर बेहतर प्रकाश व्यवस्था की जा रही है, ताकि रात के समय श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। प्रशासन का कहना है कि यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का होगा, बल्कि यह एक अत्याधुनिक, डिजिटल और सुरक्षित आयोजन होगा।

ऑनलाइन माध्यमों से महाकुंभ से जुड़ी जानकारी
महाकुंभ 2025 का आयोजन डिजिटल रूप से भी उन्नत किया जा रहा है। श्रद्धालु और पर्यटक ऑनलाइन माध्यमों से महाकुंभ से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार महाकुंभ का आयोजन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी किया जाएगा, जिससे लोग देश और विदेश से इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन सकेंगे। "महाकुंभ अब सिर्फ एक स्थान पर नहीं होगा, बल्कि यह पूरी दुनिया में डिजिटल रूप से उपलब्ध रहेगा। श्रद्धालु ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से महाकुंभ की प्रमुख गतिविधियों, स्नान के समय और अन्य आयोजनों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे," सीएम योगी ने कहा। महाकुंभ 2025 न केवल एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के रूप में महत्व रखता है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, यह आयोजन एक ऐतिहासिक पल होगा, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेंगे। महाकुंभ से जुड़ी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, और यह आयोजन आने वाले समय में भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक बनकर उभरेगा।


 

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