Edited By Pardeep,Updated: 11 Nov, 2024 10:31 PM
संगम की रेती पर होने जा रहे विश्व के सबसे बड़े समागम महाकुम्भ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 220 गोताखोरों की तैनाती की जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मी 700 नावों पर सवार होकर चौकसी...
नेशनल डेस्कः संगम की रेती पर होने जा रहे विश्व के सबसे बड़े समागम महाकुम्भ मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 220 गोताखोरों की तैनाती की जाएगी। साथ ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मी 700 नावों पर सवार होकर चौकसी करेंगे।
किला थाने की जल पुलिस के प्रभारी जनार्दन प्रसाद साहनी ने बताया कि गोवा, कोलकाता व महाराष्ट्र समेत देश की चुनिंदा जल पुलिस के जवान प्रयागराज में तैनात किए जा रहे हैं। उनके मुताबिक, स्नानार्थियों और साधु संतों के साथ स्नान के दौरान कोई भी अनहोनी न होने पाए इसके लिए पहली बार इतनी बड़ी संख्या में ‘हाईटेक' गोताखोरों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि महाकुम्भ मेले के दौरान 180 गोताखोर देश के विभिन्न हिस्सों से यहां आ रहे हैं, जबकि 40 गोताखोर पहले से ही यहां तैनात हैं। इस तरह कुल 220 गोताखोर हर वक्त पानी में सुरक्षा के लिए अलर्ट मोड में रहेंगे। साहनी ने बताया कि इसके अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है। स्थानीय केवट से भी सहयोग लिया जाएगा जो बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के 40 फुट की गहराई तक जाने में सक्षम हैं।
उन्होंने बताया कि स्नानार्थियों की मदद के लिए पीएसी की 10, एनडीआरएफ की 12 और एसडीआरएफ की छह कंपनियां तैनात की जा रही हैं जो किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में सक्षम होंगी। साहनी ने बताया कि यहां की जल पुलिस स्थानीय लोगों की एक टीम को प्रशिक्षित भी कर रही है जिसमें 200 से ज्यादा जवान महाकुम्भ में स्नान करने वाले संतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे।