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Prayagraj Traffic: भारत में इतिहास का सबसे लंबा जाम, 300 किमी रूट पर भारी Traffic, 20 Km पैदल चलने का बूता है तो आइए महाकुंभ

Edited By Anu Malhotra,Updated: 10 Feb, 2025 01:31 PM

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महाकुंभ मेला अब अपने अंतिम चरण में है, और लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने-अपने वाहनों से पहुंच रहे हैं, जिसके कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। महाकुंभ नगर से लेकर शहर के प्रमुख इलाकों तक लंबी-लंबी गाड़ियों की कतारें लग चुकी...

प्रयागराज: महाकुंभ मेला अब अपने अंतिम चरण में है, और लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने-अपने वाहनों से पहुंच रहे हैं, जिसके कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। महाकुंभ नगर से लेकर शहर के प्रमुख इलाकों तक लंबी-लंबी गाड़ियों की कतारें लग चुकी हैं, और श्रद्धालुओं को 20 किलोमीटर तक पैदल चलने की स्थिति बन गई है। धूमनगंज, चौफटका, रेलवे स्टेशन सिटी साइड, दारागंज और बक्शी बांध जैसे प्रमुख इलाकों में जाम की स्थिति गंभीर हो गई है। यहाँ तक कि दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को भी अदालतों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।

इसके बावजूद, संगम की रेती पर चल रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा है। लाखों श्रद्धालु प्रतापगढ़ से होकर प्रयागराज पहुंच रहे हैं, और उनके यात्रा मार्गों पर भी भारी जाम की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, भदोही हाइवे पर कुछ राहत मिली है, वहीं वाराणसी-प्रयागराज NH 19 पर सुबह के समय जाम की स्थिति सामान्य है, लेकिन दोपहर बाद यहां वाहनों का दबाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

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6 घंटे का रास्ता 24 घंटे में हो रहा पूरा

 मध्य प्रदेश के जबलपुर से लेकर प्रयागराज तक के 350 किमी के रूट पर भारी जाम की स्थिति बन गई है। नेशनल हाईवे-30 पर लाखों वाहन फंसे हुए हैं, और श्रद्धालु रेंगते हुए महाकुंभ पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। जबलपुर से प्रयागराज का रास्ता पहले 5 से 6 घंटे में तय हो जाता था, लेकिन अब यह समय बढ़कर 24 घंटे से ज्यादा हो चुका है। जाम की सबसे खराब स्थिति रीवा के आसपास देखी जा रही है, जहां वाहनों की लंबी कतारें और ट्रैफिक की भारी भीड़ बनी हुई है।

प्रशासन द्वारा रास्ते को साफ करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन जाम की गंभीरता को देखते हुए श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर पैदल चलने की भी स्थिति आ रही है। महाकुंभ के इस अंतिम चरण में श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा है, लेकिन यातायात की समस्या निश्चित रूप से उनके यात्रा अनुभव को प्रभावित कर रही है।

काशी और अयोध्या में भी उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

महाकुंभ के कारण काशी में भी भीड़ का दृश्य देखने को मिल रहा है। काशी आने वाली हर सड़क पर गाड़ियों की लंबी कतारें हैं, और यहां तक कि एक मिनट में 40 नाव घाट से निकल रही हैं। 3 से 9 फरवरी तक, 35 लाख से ज्यादा श्रद्धालु काशी पहुंचे। अयोध्या में भी महाकुंभ के बाद रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है।

प्रयागराज में 43 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई

महाकुंभ के 29वें दिन तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ संगम तट पर उमड़ी। 9 फरवरी तक, कुल 43 करोड़ 57 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, जिसमें 10 लाख कल्पवासी और 53 लाख 75 हजार श्रद्धालु शामिल हैं। प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, क्योंकि भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं के लिए यातायात व्यवस्था बनाए रखना बेहद कठिन हो रहा है।

प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने शहर में प्रवेश करने से पहले 10 से 15 किलोमीटर पहले कूलिंग ऑफ एरिया बनाए हैं, ताकि शहर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर नियंत्रण रखा जा सके। प्रशासन की कड़ी मेहनत के बावजूद, श्रद्धालुओं का उत्साह थमा नहीं है, और वे अपने आस्थावान उद्देश्य की ओर बढ़ रहे हैं।

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