Edited By Harman Kaur,Updated: 28 Jan, 2025 02:32 PM
प्रयागराज में माघ मेले के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने बड़ी तैयारी की है। बुधवार, 29 जनवरी को होने वाली मौनी अमावस्या पर, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने आएंगे, वहां रेलवे हर चार मिनट में विशेष ट्रेनें...
नेशनल डेस्क: प्रयागराज में माघ मेले के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने बड़ी तैयारी की है। बुधवार, 29 जनवरी को होने वाली मौनी अमावस्या पर, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने आएंगे, वहां रेलवे हर चार मिनट में विशेष ट्रेनें चलाएगा। इस दौरान रेलवे द्वारा लगभग 150 विशेष ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई है।
रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम 2019 के अर्ध कुंभ के मुकाबले बड़ी उपलब्धि होगी, जब सिर्फ 85 विशेष ट्रेनें चलाई गई थीं। इस बार 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की संभावना है, जिनमें से लगभग 10 प्रतिशत लोग ट्रेन से यात्रा करेंगे।
रेलवे ने कहा कि, "हम एक रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के ट्रेन से यात्रा करने की उम्मीद कर रहे हैं।" 13 जनवरी से लेकर रविवार तक, लगभग 48.7 लाख यात्री प्रयागराज के नौ प्रमुख रेलवे स्टेशनों से यात्रा कर चुके हैं। इनमें से सबसे अधिक, 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर 13.9 लाख यात्री यात्रा करते हुए पहुंचे थे, जब 101 विशेष ट्रेनों का संचालन किया गया था। रेलवे ने माघ मेले के दौरान यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्था की है ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को परेशानी-free यात्रा का अनुभव मिल सके।
जानें क्यों खास है मौनी अमावस्या?
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है, जो कि धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन श्रद्धालु विशेष रूप से मौन रहते हुए उपवास और स्नान करते हैं, जो उन्हें आत्मशांति और मानसिक शांति प्रदान करने के लिए माना जाता है।
मौनी का अर्थ है ‘मौन रहना’, और इस दिन मौन रहने से संयम और आत्म-नियंत्रण में वृद्धि होती है, जो आध्यात्मिक शक्ति को जागृत करता है। विशेष रूप से इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। गंगा स्नान का इस दिन विशेष महत्व है और लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर प्रयागराज के संगम में स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। इस दिन सूर्यदेव और पितरों की पूजा भी की जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।