Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Apr, 2025 09:51 AM
बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की हलचल तेज हो गई है। आज पटना में महागठबंधन के घटक दलों की एक अहम बैठक हो रही है। इस बैठक में कांग्रेस, आरजेडी, वाम दल और वीआईपी पार्टी के नेता शामिल हो रहे हैं।
नेशनल डेस्क: बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की हलचल तेज हो गई है। आज पटना में महागठबंधन के घटक दलों की एक अहम बैठक हो रही है। इस बैठक में कांग्रेस, आरजेडी, वाम दल और वीआईपी पार्टी के नेता शामिल हो रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की भी मौजूदगी संभावित है।
कांग्रेस और आरजेडी में सीट बंटवारे पर बनी सहमति
बैठक में सबसे बड़ी चर्चा का विषय रहा सीट बंटवारा। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और आरजेडी के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन गई है। पहले जहां कांग्रेस 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही थी वहीं अब वह 70 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हो गई है। हालांकि कांग्रेस ने साफ कहा है कि उसे वही सीटें दी जाएं जहां उसका पारंपरिक जनाधार मजबूत रहा है। इस पर आरजेडी की ओर से अभी पूरी तरह हामी नहीं भरी गई है लेकिन सहमति की ओर बातचीत जरूर बढ़ रही है।
कांग्रेस की शर्त, आरजेडी की चुप्पी
कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसे संख्या नहीं बल्कि गुणवत्ता चाहिए। पार्टी चाहती है कि उसे ऐसी सीटें मिलें जहां उसके जीतने की संभावना ज्यादा हो। इस शर्त पर आरजेडी असमंजस में है क्योंकि कई सीटों पर दोनों दलों का दावेदारी का इतिहास रहा है। हालांकि महागठबंधन की एकता बनाए रखने के लिए दोनों दलों ने लचीलापन दिखाना शुरू कर दिया है।
पारस की एंट्री पर आज होगा फैसला
बैठक में एक और बड़ा मुद्दा है पशुपति पारस की महागठबंधन में एंट्री। सूत्रों के अनुसार आरजेडी उन्हें अपने कोटे से कुछ सीटें देने को तैयार है लेकिन अभी इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है। पारस की एंट्री से महागठबंधन को अति पिछड़ा वर्ग (EBC) और दलित वोटों में बढ़त मिल सकती है, यही वजह है कि यह फैसला महागठबंधन की रणनीति में अहम माना जा रहा है।
समन्वय समिति और नेतृत्व का मुद्दा भी एजेंडे में
बैठक में चुनावी रणनीति बनाने के लिए एक समन्वय समिति गठित करने पर भी चर्चा हो रही है। यह समिति सभी दलों के बीच तालमेल बनाएगी और एक संयुक्त रणनीति तैयार करेगी। साथ ही इस बात पर भी चर्चा होगी कि महागठबंधन का चेहरा कौन होगा। तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सहमति बन सकती है लेकिन अंतिम फैसला अभी लंबित है।