Edited By Rahul Rana,Updated: 20 Dec, 2024 01:54 PM
साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है। इस पवित्र आयोजन की शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी और यह 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ के आरंभ से पहले मेला प्रशासन की तरफ से बड़ा...
नेशनल डेस्क। साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है। इस पवित्र आयोजन की शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी और यह 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ के आरंभ से पहले मेला प्रशासन की तरफ से बड़ा फैसला लिया है जिससे संगम के नाविकों को तो लाभ होगा लेकिन श्रद्धालुओं को बड़ा झटका लग सकता है। लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने और पुण्य लाभ कमाने के लिए महाकुंभ में शामिल होंगे। इस आयोजन को लेकर प्रयागराज प्रशासन ने तैयारियां जोरों से शुरू कर दी हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है।
नाविकों के किराए में 50% बढ़ोतरी
महाकुंभ के दौरान संगम में नाव चलाने वाले नाविकों ने लंबे समय से किराए में बढ़ोतरी की मांग की थी। अब मेला प्रशासन ने उनकी इस मांग को मान लिया है। संगम में चलने वाली नावों के किराए में 50% की बढ़ोतरी की गई है।
नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद ने बताया कि, “महंगाई के कारण हमारा जीविका चलाना मुश्किल हो रहा था। हमारी मांग को प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है इसके लिए हम दिल से आभारी हैं।” हालांकि अभी तक प्रशासन ने नाव के नए किराए की सूची जारी नहीं की है।
बढ़ाई जाएगी नावों की संख्या
महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए संगम में चलने वाली नावों की संख्या बढ़ाई जाएगी। फिलहाल संगम में करीब 1,455 नाव चल रही हैं। महाकुंभ के समय यह संख्या बढ़कर 4,000 तक पहुंच जाएगी। संगम के आसपास के अन्य जिलों से भी नावें यहां लाई जाएंगी।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
- लाइसेंस और सुरक्षा उपकरण: हर नाविक को नाव चलाने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
- लाइफ जैकेट: प्रत्येक नाव में लाइफ जैकेट उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में श्रद्धालुओं की जान सुरक्षित रहे।
- बीमा सुविधा: नाव पर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए 2 लाख रुपये तक के बीमा की व्यवस्था की जाएगी।
महाकुंभ 2025 का महत्व
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है और इसे हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है। संगम पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति और पापों से मुक्ति का विश्वास है। इस बार का महाकुंभ भी श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अवसर होगा।
नाविकों के लिए राहत और श्रद्धालुओं की जेब पर असर
प्रशासन द्वारा किराए में की गई बढ़ोतरी से नाविकों को राहत मिलेगी लेकिन इसका सीधा असर श्रद्धालुओं की जेब पर पड़ सकता है। हालांकि प्रशासन का मानना है कि महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में सुविधाओं के साथ थोड़ा अतिरिक्त खर्च स्वाभाविक है।
अंत में बता दें कि महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए बड़े कदम उठाए हैं। नाविकों की मांग पूरी कर उन्हें राहत दी गई है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और पवित्र आयोजन का आनंद लें।