Edited By Rohini Oberoi,Updated: 03 Mar, 2025 11:39 AM
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प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन 45 दिनों तक चला जिसमें 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। महाकुंभ के दौरान अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर भी भारी भीड़ उमड़ी। इसका असर अयोध्या के रामलला मंदिर पर भी दिखा जहां...
नेशनल डेस्क। प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन 45 दिनों तक चला जिसमें 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। महाकुंभ के दौरान अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर भी भारी भीड़ उमड़ी। इसका असर अयोध्या के रामलला मंदिर पर भी दिखा जहां रोजाना 4-5 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। भक्तों ने अपने आराध्य के चरणों में दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाया जिससे मंदिर में दान का नया रिकॉर्ड बना।
रामलला मंदिर में नकद दान का नया रिकॉर्ड
➤ मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक 30 करोड़ रुपये नकद दान में मिले।
➤ हर दिन दानपात्रों में औसतन 1 करोड़ रुपये जमा हुए।
➤ श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण दानपात्र कम पड़ गए इसलिए 24 से बढ़ाकर 34 दानपात्र लगा दिए गए।
➤ दान की गिनती के लिए 40 से अधिक कर्मचारी तैनात रहे।
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विदेशी भक्तों का भी योगदान
➤ दानपात्रों में विदेशी मुद्रा भी मिली, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, बांग्लादेश, जापान, भूटान, नेपाल, न्यूजीलैंड, वियतनाम, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों की करेंसी शामिल है।
➤ अभी विदेशी मुद्राओं की गिनती बाकी है।
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ऑनलाइन और चेक के जरिए भी दान
➤ नकद के अलावा श्रद्धालुओं ने चेक और ऑनलाइन माध्यम से भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दान भेजा।
➤ मंदिर प्रबंधन ने इस बार नकद दान को अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बताया।
नए साल से बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
➤ जनवरी 2025 की शुरुआत से ही रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी।
➤ नए साल की पूर्व संध्या से ही श्रद्धालुओं का आना बढ़ गया।
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➤ जनवरी के पहले सप्ताह में हर दिन करीब डेढ़ लाख भक्तों ने दर्शन किए।
➤ मकर संक्रांति के बाद भीड़ और बढ़ी और 26 जनवरी के बाद औसतन 4.5 से 5 लाख श्रद्धालु हर दिन रामलला के दर्शन करने पहुंचे।
➤ नए साल से चढ़ावे में भी जबरदस्त वृद्धि हुई।
अंत में कहा जा सकता है कि महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं ने आस्था की नई मिसाल पेश की। अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए लाखों भक्त पहुंचे और चढ़ावे में रिकॉर्ड तोड़ धनराशि दान की। वहीं 30 करोड़ रुपये नकद दान के रूप में मिले विदेशी मुद्रा और ऑनलाइन दान भी बड़ी संख्या में हुआ। राम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है जिससे चढ़ावे की राशि भी तेजी से बढ़ी।