mahakumb

Mahakumbh 2025: Steve Jobs की पत्नी Lauren Powell ने एक साल पहले अपनाया सनातन धर्म, दीक्षा देने वाले गुरू ने साझा की कहानी

Edited By Mahima,Updated: 18 Jan, 2025 01:06 PM

mahakumbh 2025 steve jobs  wife lauren powell adopted sanatan dharma a year ago

स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने महाकुंभ 2025 में सनातन धर्म अपनाया और स्वामी कैलाशानंद गिरी से दीक्षा ली। उन्हें 'कमला' नाम दिया गया था और महाकाली के बीज मंत्र "ॐ क्रीं महाकालिका नमः" का जाप करने का संकल्प लिया। लॉरेन पूरी तरह शाकाहारी हैं और 50...

नेशनल डेस्क: Steve Jobs की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने महाकुंभ 2025 में सनातन धर्म को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया और इस यात्रा ने उन्हें मीडिया में सुर्खियों में ला खड़ा किया। उनका यह निर्णय महाकुंभ में खासा चर्चा का विषय बना रहा। हाल ही में, स्वामी कैलाशानंद गिरी, जो पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के प्रमुख हैं, ने यह खुलासा किया कि लॉरेन को सनातन धर्म के रास्ते पर एक साल पहले ही जोड़ा गया था। उन्हें 18 फरवरी 2024 को 'कमला' नाम दिया गया था और तब से वह इस मार्ग पर चल रही हैं।

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया कि 14 जनवरी 2025 की रात 10 बजकर 10 मिनट पर, मकर संक्रांति के अवसर पर, उन्होंने लॉरेन को दीक्षा दी। हालांकि, यह दीक्षा उनकी आध्यात्मिक यात्रा का सिर्फ एक हिस्सा थी। उन्होंने यह भी बताया कि लॉरेन पहले ही सनातन धर्म की आस्था को अपनाकर साधना में लीन हो चुकी थीं। स्वामी जी के अनुसार, वह बहुत साधारण और शांत स्वभाव की हैं, और उनका अहंकार बिल्कुल भी नहीं है। वह महाकुंभ में एक सामान्य श्रद्धालु की तरह चार दिनों तक रुकीं, जो उनके आध्यात्मिक आग्रह को दर्शाता है।

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने यह भी बताया कि लॉरेन के साथ उनके 50 निजी स्टाफ सदस्य भी आए थे, जो उनके साथ दो बड़े हवाई जहाज में प्रयागराज पहुंचे थे। उन्होंने यह जानकारी दी कि लॉरेन पूरी तरह से शाकाहारी हैं और प्याज और लहसून तक का सेवन नहीं करतीं। उनका जीवन पूरी तरह से साधारण और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है। लॉरेन ने महाकुंभ में 10 दिनों तक रुकने का तय किया था, लेकिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके कारण उन्हें तीन दिन में ही प्रयागराज से लौटना पड़ा। बावजूद इसके, उन्होंने अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरी से दीक्षा ली और अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत की। दीक्षा के दौरान, उन्हें महाकाली के बीज मंत्र "ॐ क्रीं महाकालिका नमः" का जाप करने का आशीर्वाद मिला, जिसे वह आगे अपनी साधना में नियमित रूप से करेंगे। इस मंत्र का जाप करने से उन्हें शक्ति और शांति प्राप्त होने की उम्मीद है। 

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया कि लॉरेन का जीवन अब भौतिकवाद से दूर और आध्यात्मिकता की ओर बढ़ रहा है। वह अपनी परंपराओं और धर्म को जानने और समझने के लिए बहुत उत्सुक हैं, और उन्होंने अपने जीवन के इस नए अध्याय की शुरुआत महाकुंभ में की है। लॉरेन पॉवेल की यह यात्रा एक प्रेरणा है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी भौतिक उपलब्धियों और दुनिया की सैद्धांतिकताओं से हटकर आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर शांति और संतुलन की खोज कर सकता है। उनका सनातन धर्म के प्रति यह नया रुझान और दीक्षा का अवसर उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जो उनकी आंतरिक शांति और संतुष्टि को बढ़ावा देगा।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!