महाकुंभ: गंगा में बढ़ा Faecal Coliform Bacteria अगर आपके शरीर में पहुंच गया तो क्या होगा?

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 19 Feb, 2025 12:07 PM

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महाकुंभ मेला प्रयागराज में चल रहा है, और लाखों श्रद्धालु हर रोज़ गंगा-यमुना संगम में डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन इस बार गंगा और यमुना में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। इससे श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा...

नेशनल डेस्क: महाकुंभ मेला प्रयागराज में चल रहा है, और लाखों श्रद्धालु हर रोज़ गंगा-यमुना संगम में डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन इस बार गंगा और यमुना में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। इससे श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है।

फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, जिनमें क्लेबसिएला, ई. कोली, एंटरोबैक्टर और सेरेशिया जैसे बैक्टीरिया शामिल हैं, इंसान और जानवरों के मल में पाए जाते हैं। ये बैक्टीरिया दूषित पानी में मिलकर जल गुणवत्ता को खराब कर देते हैं। आमतौर पर यह बैक्टीरिया सीवेज पानी से नदी में घुलते हैं और पानी को नहाने लायक नहीं छोड़ते।

क्या खतरे हो सकते हैं?

जब कोई व्यक्ति दूषित पानी पीता है या यह पानी उसकी आंखों, मुंह या त्वचा पर आता है, तो फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया उसके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इसके बाद कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:

  1. डायरिया – इससे पेट में जलन और दस्त की समस्या हो सकती है।
  2. यूरिनरी इन्फेक्शन – इस बैक्टीरिया के कारण पेशाब से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
  3. सेप्सिस – अगर बैक्टीरिया शरीर में फैल जाता है तो यह एक जीवन-धातु संक्रमण का कारण बन सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।

महाकुंभ मेले का असर

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ मेले के दौरान गंगा और यमुना में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा में प्रति 100 मिलीलीटर में 2,500 यूनिट से ज्यादा बैक्टीरिया पाए गए हैं, जो सेफ लिमिट से काफी ऊपर हैं।

क्यों बढ़ा यह बैक्टीरिया?

इसका मुख्य कारण सीवेज का पानी है, जो ट्रीटमेंट न होने के कारण सीधे नदियों में गिर जाता है। इसके अलावा, कुंभ मेले के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं, और आसपास के इलाकों से सीवेज पानी नदी में मिल रहा है।

क्या करना चाहिए?

  • स्वच्छता का ध्यान रखें – श्रद्धालुओं को पानी के संपर्क में आने से पहले साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
  • पानी का परीक्षण करवाएं – अगर किसी को पानी में घुलने वाले बैक्टीरिया का संदेह हो तो उसे पहले जांच करवानी चाहिए।
  • सावधानियों का पालन करें – आंखों और मुंह को दूषित पानी से बचाएं और किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज करवाएं

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