Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Jan, 2025 03:39 PM
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ की घटना ने न केवल श्रद्धालुओं को शोकसंतप्त किया बल्कि साधु-संतों को भी गहरे दुख में डुबो दिया। इस घटना से निराश हुए निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी जी महाराज ने...
नेशनल डेस्क: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ की घटना ने न केवल श्रद्धालुओं को शोकसंतप्त किया बल्कि साधु-संतों को भी गहरे दुख में डुबो दिया। इस घटना से निराश हुए निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी जी महाराज ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि यदि महाकुंभ की व्यवस्था सेना के हवाले की जाती तो शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
स्वामी प्रेमानंद पुरी का दुखद बयान
स्वामी प्रेमानंद पुरी ने इस घटना को लेकर बहुत भावुक होते हुए कहा, "हमारे देश में सेवाभावी लोगों की कमी नहीं है। अगर इस महाकुंभ को सेना के हवाले कर दिया जाता, तो मुझे नहीं लगता कि इतना बड़ा हादसा होता। यह दुखद है कि प्रशासन की व्यवस्था में कमी के कारण यह हादसा हुआ।" उन्होंने यह भी कहा कि अखाड़े तो हमेशा प्रशासनिक आदेशों का पालन करते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए थी कि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। स्वामी प्रेमानंद पुरी ने आगे कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में होने वाले स्नान सही तरीके से होंगे, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश आ चुका है कि अब महाकुंभ की व्यवस्था सेना के हवाले की जा रही है।"
साध्वी निरंजन ज्योति ने भी जताया दुख
महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना की जांच की मांग करते हुए कहा कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। साध्वी ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा, "इस दुखद घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह समय दुख जताने और मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करने का है, न कि राजनीति करने का।" साध्वी निरंजन ज्योति ने आगे कहा, "कल, पांच करोड़ से अधिक लोग सुरक्षित रूप से स्नान करने आए थे, और उन्हें कोई हानि नहीं हुई। यह घटना एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी, और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।"
अखाड़ों ने लिया अमृत स्नान रद्द करने का फैसला
महाकुंभ की भगदड़ की घटना के बाद सभी प्रमुख अखाड़ों ने अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया है। आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, अखाड़े और प्रशासन के बीच लगातार बैठकें चल रही हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पीएम मोदी का आदेश और प्रशासन की सक्रियता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की जानकारी ली और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूरी घटना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं, ताकि महाकुंभ के शेष समय में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।