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श्रद्धालुओं के बीच शोक की लहर, सड़क हादसे में महंत ब्रह्मपुरी का निधन

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Feb, 2025 12:49 PM

mahant brahmapuri died in a road accident

राजस्थान स्थित गुलाब सागर मठ के महंत ब्रह्मपुरी का गुरुवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में निधन हो गया। हादसे के बाद मठ और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। महंत ब्रह्मपुरी (63) अपने जीवन के अंतिम वर्षों में मठ के प्रमुख थे और उनकी धर्म परायणता...

नेशनल डेस्क: राजस्थान स्थित गुलाब सागर मठ के महंत ब्रह्मपुरी का गुरुवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे में निधन हो गया। हादसे के बाद मठ और पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। महंत ब्रह्मपुरी (63) अपने जीवन के अंतिम वर्षों में मठ के प्रमुख थे और उनकी धर्म परायणता और समाज सेवा के लिए उन्हें श्रद्धा और सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। महंत ब्रह्मपुरी बुधवार की रात अपनी कार से मंदसौर जा रहे थे। रास्ते में भीलवाड़ा और अजमेर के बीच नानकपुरा पुलिस चौकी के पास उनकी कार एक ट्रेलर से भिड़ गई। हादसा इतना भीषण था कि कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। महंत ब्रह्मपुरी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, उनके साथ कार में सवार चालक अशोक वैष्णव गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की जानकारी मिलने के बाद जैसलमेर से कई लोग भीलवाड़ा के लिए रवाना हो गए, लेकिन तब तक महंत का निधन हो चुका था। यह घटना जैसलमेर के धार्मिक और सामाजिक समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति मानी जा रही है।

महंत ब्रह्मपुरी का जीवन और संन्यास

महंत ब्रह्मपुरी का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा क्षेत्र में हुआ था और उनका बचपन का नाम गोपाल गुप्ता था। महंत ने महज 12 वर्ष की आयु में गृह त्याग कर संन्यास की ओर रुख किया था। 14 वर्ष की आयु में उन्होंने संन्यास की दीक्षा ली और गुलाब सागर मठ में लाल गुरुजी के सानिध्य में रहने लगे। उनका जीवन हमेशा ही तपस्वी, ध्यानशील और समाज के लिए समर्पित रहा।

उनकी कृपा और शिक्षाओं ने गुलाब सागर मठ को न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक नया आयाम दिया। मठ में उनका मार्गदर्शन लाखों अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत था।

गुलाब सागर मठ में शोक का माहौल

महंत ब्रह्मपुरी के निधन की खबर सुनते ही गुलाब सागर मठ में शोक की लहर दौड़ गई। मठ के अनुयायी और भक्त उनके योगदान और मार्गदर्शन को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। मठ के आसपास के लोग भी उनके जाने से गहरे दुखी हैं, क्योंकि उनका जीवन एक मिसाल था। गुलाब सागर मठ के अनुयायी महंत ब्रह्मपुरी के अद्वितीय योगदान और उनके आत्मिक नेतृत्व को हमेशा याद रखेंगे। मठ के प्रमुख ने न केवल धार्मिक कार्य किए, बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में भी कई पहल की।

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