Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Mar, 2025 02:00 PM

राजस्थान के मेवाड़ राजपरिवार के प्रतिष्ठित सदस्य और महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनका निधन पूरे मेवाड़ क्षेत्र में शोक की लहर छोड़ गया है।
नेशनल डेस्क: राजस्थान के मेवाड़ राजपरिवार के प्रतिष्ठित सदस्य और महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनका निधन पूरे मेवाड़ क्षेत्र में शोक की लहर छोड़ गया है। अरविंद सिंह लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज उदयपुर स्थित सिटी पैलेस के शंभू निवास में चल रहा था। अरविंद सिंह मेवाड़ का जन्म 13 दिसंबर 1944 को उदयपुर के सिटी पैलेस में हुआ था। वे राजसी परंपराओं और मेवाड़ की संस्कृति के संरक्षक रहे थे। उन्होंने सिटी पैलेस के संरक्षण और विस्तार में अहम भूमिका निभाई, और मेवाड़ की समृद्ध परंपराओं को जीवंत रखने के लिए भी कई कदम उठाए थे। उनके योगदान से मेवाड़ क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर को काफी सहायता मिली थी।
अंतिम दर्शन और यात्रा की जानकारी
अरविंद सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार 17 मार्च को होगा। उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन सुबह 7 बजे से सिटी पैलेस में किए जा सकेंगे। अंतिम यात्रा शंभू निवास से शुरू होकर बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, देहली गेट होते हुए महासतिया की ओर जाएगी।
राजपरिवार में संपत्ति विवाद 50,000 करोड़ का सवाल
अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन के बाद मेवाड़ राजपरिवार में संपत्ति को लेकर विवादों की स्थिति फिर से सुर्खियों में आ गई है। उनके पास लगभग 50,000 करोड़ की संपत्ति है, और अब सवाल यह उठ रहा है कि इस संपत्ति का मालिक कौन होगा। पिछले कुछ वर्षों में, मेवाड़ परिवार की संपत्तियों को लेकर कई विवाद सामने आ चुके हैं।
महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन और बढ़ा विवाद
अरविंद सिंह मेवाड़ के बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का 2024 में निधन हुआ था। इसके बाद राजपरिवार के भीतर संपत्ति का विवाद और गहरा गया। महेंद्र सिंह के बेटे धूणी दर्शन जब सिटी पैलेस में आए, तो गेट बंद कर दिए गए, जिससे यह विवाद और बढ़ गया। राजपरिवार की संपत्तियों को लेकर महेंद्र सिंह के छोटे भाई अरविंद सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी, और उनके निधन के बाद इस विवाद का नया मोड़ देखने को मिल सकता है।
लीज पर दी गई संपत्तियां
मेवाड़ की संपत्ति पर विवाद की शुरुआत 1963 से 1983 के बीच हुई, जब पूर्व महाराणा भगवंत सिंह मेवाड़ ने कई संपत्तियां लीज पर दे दी थीं। इस फैसले से नाराज होकर महेंद्र सिंह ने अदालत में केस दर्ज किया था और संपत्तियों का बराबर बंटवारा करने की मांग की थी। हालांकि, भगवंत सिंह ने अपने छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ को संपत्तियों का एग्जीक्यूटर घोषित कर दिया था। इस फैसले के बाद विवाद और जटिल हो गया था।