Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Nov, 2024 08:34 AM
महाराष्ट्र में लाडली बहीण योजना (Ladli Behna Yojana) के तहत लाभार्थी महिलाओं को 6वीं किस्त मिलने का इंतजार है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया है कि योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली मासिक राशि को बढ़ाने का फैसला जल्द ही लागू किया जाएगा।
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में लाडली बहीण योजना (Ladli Behna Yojana) के तहत लाभार्थी महिलाओं को 6वीं किस्त मिलने का इंतजार है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया है कि योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली मासिक राशि को बढ़ाने का फैसला जल्द ही लागू किया जाएगा।
6वीं किस्त कब मिलेगी?
चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार ने योजना की 5वीं किस्त का एडवांस भुगतान कर दिया था। लेकिन 6वीं किस्त को लेकर महिलाओं के बीच उत्सुकता बनी हुई है। अब, 25 नवंबर को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद, नई सरकार के गठन के साथ यह किस्त जल्द जारी की जाएगी।
महिला मतदाताओं का झुकाव महायुति की ओर
महायुति के पक्ष में बड़ी संख्या में महिलाओं ने मतदान किया। विपक्षी महाविकास आघाडी (एमवीए) ने चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं को आकर्षित करने के लिए महालक्ष्मी योजना का ऐलान किया था, जिसमें हर महिला को 3,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया गया था। इसके बावजूद महिलाएं महायुति पर भरोसा जताते हुए लाडकी बहीण योजना को प्राथमिकता देती नजर आईं।
लाडकी बहीण योजना: महिलाओं को मिली आर्थिक संबल
महायुति सरकार ने वादा किया था कि यदि वे सत्ता में लौटते हैं, तो योजना के तहत दी जाने वाली राशि को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चुनावी नतीजों के बाद इस वादे को दोहराते हुए घोषणा की कि जल्द ही महिलाओं को बढ़ी हुई राशि का लाभ मिलेगा।
महिला सशक्तिकरण की ओर एक कदम
इस योजना के तहत उन परिवारों की महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और वित्तीय सहायता के जरिए उनके जीवन स्तर को सुधारना है।
चुनावी नतीजों से साफ संदेश
महायुति की जीत ने यह साबित कर दिया कि योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन और महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने का प्रयास चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है। इस बीच, विपक्षी एमवीए को महिला मतदाताओं का भरोसा जीतने में नाकामी झेलनी पड़ी।