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महाराष्ट्र : वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे के खिलाफ चुनाव लड़ सकती है मनसे

Edited By Utsav Singh,Updated: 04 Aug, 2024 10:51 AM

maharashtra mns may contest against aditya thackeray in worli seat

लोकसभा चुनाव में वर्ली में शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) उम्मीदवार की बढ़त 7,000 से भी कम रहने के मद्देनजर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अवसर का लाभ उठाकर आगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट से संदीप देशपांडे को मैदान में उतार सकती...

महाराष्ट्र : लोकसभा चुनाव में वर्ली में शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) उम्मीदवार की बढ़त 7,000 से भी कम रहने के मद्देनजर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अवसर का लाभ उठाकर आगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट से संदीप देशपांडे को मैदान में उतार सकती है। वर्तमान में शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे इस सीट से विधायक हैं। दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा वर्ली ऊंची इमारतों और संपन्न व्यापारिक संस्थानों का केंद्र माना जाता है, लेकिन इस इलाके में पुलिस कॉलोनी और बीडीडी चॉल जैसी कई जीर्ण-शीर्ण झुग्गी-बस्तियां भी हैं, जो पुनर्विकास का इंतजार कर रही हैं। इलाके में कई झुग्गी-बस्ती पुनर्वास परियोजनाएं रुकी हुई हैं।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शनिवार को मुलाकात कर वर्ली से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की थी। वर्ली से जुड़ी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किए जाने के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, बैठक के बाद शिंदे ने अधिकारियों को वर्ली से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। मनसे नेता देशपांडे वर्ली निवासियों की समस्याओं को दूर करने के लिए उनके साथ सक्रिय रूप से संवाद बनाए हुए हैं। मनसे ने 2019 के विधानसभा चुनावों में वर्ली से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था, क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे।

चुनावी राजनीति में प्रवेश करने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य, आदित्य ने 62,247 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। बावजूद इसके, 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (यूबीटी) की बढ़त में काफी गिरावट देखी गई। पार्टी उम्मीदवार अरविंद सावंत मात्र 6,715 मतों से आगे रहे, जो मुंबई दक्षिण के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से उन चार में सबसे कम है, जहां शिवसेना (यूबीटी) नेता अपने प्रतिद्वंद्वी से आगे रहे। मनसे को इस क्षेत्र में अब एक संभावित अवसर दिख रहा है।

हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सत्तारूढ़ गठबंधन या मनसे एक साथ चुनाव लड़ेंगे या नहीं। मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए वर्ली में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। देशपांडे ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘2017 के नगर निगम चुनावों में हमने (मनसे ने) वर्ली में लगभग 30,000 से 33,000 वोट हासिल किए थे। इस निर्वाचन क्षेत्र में मनसे के समर्पित मतदाता हैं।'' मनसे ने दावा किया कि आम लोगों की आदित्य ठाकरे तक पहुंच नहीं है।

देशपांडे ने कहा, ‘‘यहां सवाल पहुंच का है। लोगों को ऐसा विधायक चाहिए, जो सुलभ हो, लेकिन मौजूदा विधायक के साथ ऐसा नहीं है।'' शिवसेना (यूबीटी) के विधान पार्षद सुनील शिंदे ने लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी के उम्मीदवार की बढ़त में ‘‘अप्रत्याशित गिरावट'' को स्वीकार किया और इसके लिए अति आत्मविश्वास को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में आदित्य ठाकरे की वापसी का विश्वास भी जताया। उन्होंने कहा, ‘‘बढ़त में गिरावट का मतलब यह नहीं है कि लोग हमसे नाराज हैं। हमारा उम्मीदवार हमारी प्रतिद्वंद्वी (शिवसेना की यामिनी जाधव) से कहीं बेहतर था। लोकसभा चुनावों में यह ‘मोदी फैक्टर' था। हमें ऊंची इमारतों (में रहने वाले लोगों) से अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिली।'' शिंदे ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के पास चुनाव के दिन मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक आकर्षित करने के लिए एक मजबूत योजना है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीट के लिए इस साल अक्टूबर में चुनाव होने हैं। 

 

 

 

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