Edited By rajesh kumar,Updated: 19 Dec, 2024 03:53 PM
मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया और एलिफेंटा के बीच हुए एक दर्दनाक नाव हादसे में राजस्थान के रेनवाल तहसील के जूनसिया गांव के निवासी महेंद्र सिंह राजपूत शहीद हो गए। महेंद्र सिंह भारतीय नेवी में मार्कोस कमांडो के पद पर कार्यरत थे और दो महीने बाद ही...
नेशनल डेस्क: मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया और एलिफेंटा के बीच हुए एक दर्दनाक नाव हादसे में राजस्थान के रेनवाल तहसील के जूनसिया गांव के निवासी महेंद्र सिंह राजपूत शहीद हो गए। महेंद्र सिंह भारतीय नेवी में मार्कोस कमांडो के पद पर कार्यरत थे और दो महीने बाद ही सेवानिवृत्त होने वाले थे। उनकी उम्र 34 वर्ष थी। इस हादसे की खबर से उनके गांव और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
13 लोगों की मौत, 101 लोगों को बचाया गया
हादसा बुधवार को हुआ, जब नीलकमल नाम की एक बोट गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जा रही थी। बोट नेवी के एक जहाज से टकराकर समुद्र में पलट गई। इस हादसे में महेंद्र सिंह समेत 13 लोगों की जान चली गई, जिनमें तीन नेवी के जवान भी शामिल थे। जबकि 101 लोगों को बचा लिया गया, कुछ लोग अभी भी लापता हैं।
महेंद्र सिंह धोनी को दे चुके थे ट्रेनिंग
महेंद्र सिंह न केवल भारतीय नेवी के एक कुशल कमांडो थे, बल्कि उनकी बहुमुखी प्रतिभा भी थी। परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक, महेंद्र सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को गन चलाने की ट्रेनिंग भी दी थी। उनका यह योगदान उनकी बहादुरी और देशसेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
गांव में शोक की लहर
महेंद्र सिंह के शहीद होने की खबर सुनकर उनके परिवार और गांववालों का रो-रोकर बुरा हाल है। रेनवाल की तहसीलदार कोमल यादव ने बताया कि महेंद्र सिंह का शव गुरुवार दोपहर तक उनके गांव पहुंचेगा और यहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। क्षेत्र के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं।
प्रशासन की ओर से मदद
महेंद्र सिंह के परिवार को सांत्वना देने के लिए प्रशासन और स्थानीय लोग सक्रिय हैं। इस हादसे ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है और लोग उनकी वीरता और देशसेवा को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।