सेक्स, वर्जिनिटी समेत इन टॉपिक्स को अपराध के रुप में पढ़ेंगे छात्र, मेडिकल कोर्स में बड़ा बदलाव

Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Sep, 2024 08:58 PM

major change in medical course

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने अंडरग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट्स के फोरेंसिक मेडिसिन के सिलेबस में बड़े बदलाव किए हैं। अब मेडिकल स्टूडेंट्स को अप्राकृतिक यौन अपराध के अंतर्गत सोडोमी (गुदा मैथुन) और लेस्बियनिज्म के बारे में पढ़ाया जाएगा।

नेशनल डेस्क: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने अंडरग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट्स के फोरेंसिक मेडिसिन के सिलेबस में बड़े बदलाव किए हैं। अब मेडिकल स्टूडेंट्स को अप्राकृतिक यौन अपराध के अंतर्गत सोडोमी (गुदा मैथुन) और लेस्बियनिज्म के बारे में पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा, वे हाइमन (योनि झिल्ली), वर्जिनिटी (कौमार्य) और शील भंग (बलात्कार) के चिकित्सीय और कानूनी महत्व को भी समझेंगे।

दरअसल, साल 2022 में मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश पर NMC ने कुछ टॉपिक को सिलेबस से हटा दिया था। उस समय, इन टॉपिक को LGBTQ+ समुदाय के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हटाया गया था। अब NMC ने कुछ हटाए गए टॉपिक को फिर से सिलेबस में शामिल करने का फैसला किया है, जबकि कुछ अन्य टॉपिक को पूरी तरह से हटा दिया गया है।

क्या बदलाव किए गए हैं?

  1. वापस शामिल किए गए टॉपिक: सोडोमी, लेस्बियनिज्म, हाइमन, वर्जिनिटी और शील भंग से जुड़े विषयों को वापस सिलेबस में शामिल किया गया है।

  2. हटाए गए टॉपिक: सहमति से समलैंगिक यौन संबंध, व्यभिचार (Adultery), अनाचार (Incest), और पशुता (Bestiality) जैसे टॉपिक को हटा दिया गया है। पहले इन्हें LGBTQ+ समुदाय के प्रति अधिक जागरूकता फैलाने के लिए सिलेबस में जोड़ा गया था।

2022 में सिलेबस में हुए थे महत्वपूर्ण बदलाव

मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश पर 2022 में फोरेंसिक मेडिसिन और मनोरोग विज्ञान (Psychiatry) के सिलेबस में बदलाव किए गए थे। इसके लिए एक एक्सपर्ट कमेटी भी बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य स्टूडेंट्स को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रशिक्षित करना था ताकि वे अदालत में अवैज्ञानिक तथ्यों के बारे में जानकारी दे सकें। इस बदलाव के बाद छात्रों को लिंग, लैंगिक पहचान और यौन रुझान जैसे विषयों के बारे में अधिक जानकारी मिली।

ताजा बदलावों का असर

हालांकि, नए सिलेबस में अब लिंग, लैंगिक पहचान और आम मिथकों के बारे में विस्तृत चर्चा नहीं है, लेकिन इसे पूरी तरह से वापस नहीं लिया गया है। इसका उद्देश्य मेडिकल छात्रों को कानूनी और चिकित्सीय पहलुओं के बारे में बेहतर जानकारी देना है। इन बदलावों के साथ, NMC का प्रयास है कि मेडिकल स्टूडेंट्स को एक व्यापक और संतुलित दृष्टिकोण मिले, जो उन्हें भविष्य में चिकित्सा और कानूनी मामलों को समझने और संभालने में सक्षम बनाए।

 

 

 

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