Edited By Tanuja,Updated: 26 Oct, 2024 01:13 PM
भारत की निर्माण क्षमता सिर्फ उत्पाद बनाने की नहीं है यह सपनों को आकार देने, अवसर बनाने, और एक ऐसे राष्ट्र के भविष्य को विकसित करने के बारे में है जो दुनिया में अग्रणी बनने के लिए तैयार है...
International Desk: भारत की निर्माण क्षमता सिर्फ उत्पाद बनाने की नहीं है यह सपनों को आकार देने, अवसर बनाने, और एक ऐसे राष्ट्र के भविष्य को विकसित करने के बारे में है जो दुनिया में अग्रणी बनने के लिए तैयार है। यानि ग्लोबल हब के रूप में भारत तेजी से उबर रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2014 को "Make in India" योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य भारत को दुनिया के निर्माण का केंद्र बनाना, निवेश आकर्षित करना, नवाचार को बढ़ावा देना, और रोजगार पैदा करना था। इस कार्यक्रम के तहत भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और स्थानीय उद्योग को मजबूत किया जा रहा है।
2014 में निर्माण क्षेत्र ने भारत के GDP में केवल 16% का योगदान दिया था, जो 2024 में बढ़कर 17% हो गया है, और 2030 तक इसे 25% तक पहुँचने का लक्ष्य है।भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस पहल की सफलता के उदाहरण देखने को मिलते हैं, जैसे कि गुजरात का GIFT सिटी और तमिलनाडु का सेमीकंडक्टर केंद्र। Make in India कार्यक्रम के तहत नीति सुधारों और रणनीतिक पहलों के चलते भारत ने FDI के मामले में भी बड़ी प्रगति की है। अप्रैल 2000 से मार्च 2024 के बीच भारत ने $990.97 बिलियन का एफडीआई प्राप्त किया है। इसके अलावा, भारतीय उद्योग में 36% की वृद्धि हुई है, जिससे लगभग 170 मिलियन रोजगार के अवसर बने हैं।नोएडा की बात करें तो, मोबाइल फोन निर्माण में बहुत बड़ी वृद्धि हुई है।
- 2014 में मोबाइल निर्माण इकाइयाँ केवल 2 थीं, जो 2024 में बढ़कर 200 से अधिक हो गईं।
- उत्पादन 2014-15 में 60 मिलियन यूनिट से बढ़कर 2022-23 में 3.1 बिलियन यूनिट हो गया।
- भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है।
सरकार ने उद्योग के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने का भी प्रयास किया है, जिसके तहत 3,500 से अधिक नियमों को सरल बनाया गया है। यह योजना भारत के निर्यात में भी महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। रक्षा क्षेत्र में भी भारत ने अपने निर्यात को बढ़ाया है। FY2024 में रक्षा निर्यात ₹21,083 करोड़ तक पहुंच गया है।Production Linked Incentive (PLI) योजना, जो Make in India 2.0 का एक महत्वपूर्ण घटक है, के तहत 14 प्रमुख क्षेत्रों में ₹1.97 लाख करोड़ ($26 बिलियन) का निवेश किया जाएगा।भारत अब डिजिटल निर्माण में भी आगे बढ़ रहा है। 2023 तक कई भारतीय कंपनियों ने Industry 4.0 तकनीकों को अपनाया है। भारत सरकार ने भी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत डिजिटल निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।