सावधान! फर्जी पासपोर्ट बनाने पर होगी 7 साल की सजा, जानिए नया इमिग्रेशन कानून

Edited By Mahima,Updated: 17 Mar, 2025 01:03 PM

making fake passport will result in 7 years of imprisonment

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश किया है, जो भारत में विदेशियों के लिए कड़े नियम लागू करेगा। इस बिल के तहत फर्जी पासपोर्ट बनाने वालों के खिलाफ 2-7 साल की सजा और जुर्माना होगा। बिना पासपोर्ट के भारत आने पर 5 साल की...

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बजट सत्र के दूसरे भाग में एक महत्वपूर्ण इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश किया। इस बिल के तहत भारत में विदेशी नागरिकों की एंट्री से लेकर होटल में ठहरने, विश्वविद्यालयों में दाखिला और अस्पतालों में इलाज तक के लिए कड़े नियम और नए कानून लागू किए जाएंगे। यदि यह बिल संसद से पारित हो जाता है, तो भारत में विदेशियों के लिए सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा और सरकार को इन सभी गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करनी होगी।  

क्या है नया इमिग्रेशन कानून?
नए इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के तहत हवाई और समुद्री रास्तों से भारत में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे। इसमें न सिर्फ पैसेंजर्स, बल्कि विमान और जहाजों के क्रू मेंबर्स को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति बिना वैध पासपोर्ट के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा। खासकर, फर्जी पासपोर्ट या नकली दस्तावेजों का उपयोग करने वाले लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। 

5 साल तक की सजा या 5 लाख रुपये जुर्माना
इस बिल के तहत फर्जी पासपोर्ट और नकली दस्तावेजों के निर्माण पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति फर्जी पासपोर्ट या दस्तावेज़ बनवाता है, तो उसके खिलाफ 2 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही, 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वहीं, यदि कोई विदेशी नागरिक बिना वैध पासपोर्ट के भारत में दाखिल होता है, तो उसे 5 साल तक की सजा या 5 लाख रुपये जुर्माना, या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। यह कदम देश में सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उठाया गया है। 

कानूनी संशोधन और रद्द किए जाएंगे पुराने अधिनियम
इस नए बिल को लागू करने के लिए भारत सरकार को कई पुराने अधिनियमों में बदलाव करना पड़ेगा। जिन प्रमुख कानूनों में संशोधन किया जाएगा, उनमें पासपोर्ट (एंट्री इनटू इंडिया) अधिनियम 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स अधिनियम 1939, फॉरेनर्स अधिनियम 1946 और इमिग्रेशन (कैरियर्स लायबिलिटी) अधिनियम 2000 शामिल हैं। इन कानूनों में संशोधन के अलावा, केंद्र सरकार इन अधिनियमों को रद्द भी कर सकती है। यह सभी कदम देश की सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने और अवैध प्रवासियों को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए हैं।

वीजा ऑन अराइवल की सुविधा
इस नए इमिग्रेशन बिल के तहत वीजा ऑन अराइवल (VoA) की सुविधा को लेकर भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। वर्तमान में, भारत तीन देशों – जापान, दक्षिण कोरिया और यूएई – के नागरिकों को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देता है। इसका मतलब है कि इन देशों के नागरिक भारत में प्रवेश करने के बाद वीजा प्राप्त कर सकते हैं, जो उनकी यात्रा को सरल बनाता है। हालांकि, आने वाले समय में वीजा पद्धति और सख्त हो सकती है, और सरकार इसे नियंत्रित करने के लिए नए नियमों की घोषणा कर सकती है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किया गया नया इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के उद्देश्य से लाया गया है। यदि यह बिल संसद से पारित होता है, तो भारत में विदेशियों की एंट्री और उनके व्यवहार पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। साथ ही, नकली पासपोर्ट और दस्तावेज बनाने वाले लोगों पर कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा, जिससे सुरक्षा में और अधिक सुधार हो सकेगा।

 

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