Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Aug, 2024 11:28 AM
10 साल पहले गायब हुई मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 के रहस्यमय गायब होने के मामले में एक नई जानकारी सामने आई है। तस्मानिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने इस विमान को ट्रेस कर लिया है। उनके अनुसार, विमान दक्षिणी हिंद महासागर...
नेशनल डेस्क: 10 साल पहले गायब हुई मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 के रहस्यमय गायब होने के मामले में एक नई जानकारी सामने आई है। तस्मानिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने इस विमान को ट्रेस कर लिया है। उनके अनुसार, विमान दक्षिणी हिंद महासागर में 6000 मीटर गहरे गड्ढे में पड़ा हुआ है।
यह दावा किया जा रहा है कि विमान का मलबा एक खाई में मिला है, जिसे उसी जगह पर स्थित माना जा रहा है, जहां पायलट ने उड़ान भरने के तुरंत बाद सिम्युलेटर की दिशा बदल दी थी और विमान को गलत दिशा में मोड़ा था। इसके बाद विमान रडार से गायब हो गया और अब तक उसका कोई पता नहीं चल सका है।
8 मार्च 2014 की रात को मलेशियाई एयरलाइंस की फ्लाइट MH370 ने कुआलालंपुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी, जिसमें 240 यात्री सवार थे। यह फ्लाइट उड़ान भरने के 40 मिनट बाद वियतनाम के हवाई क्षेत्र में और ऑस्ट्रेलिया के पास दक्षिणी हिंद महासागर में गायब हो गई थी। तीन देशों की रेस्क्यू टीमों ने 120,000 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र खंगाला, लेकिन विमान का कोई सुराग नहीं मिला।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जब फ्लाइट वियतनाम के ऊपर थी तो फ्लाइट के कैप्टन जहरी अहमद शाह ने ATC को मैसेज भेजा- ‘गुड नाइट, मलेशियाई 370 और इसके बाद पायलट ने ट्रांसपोंडर बंद कर दिया। ट्रांसपोंडर बंद होने के बाद किसी भी फ्लाइट को ट्रैक नहीं किया जा सकता था, इसलिए फ्लाइट लापता हो गई।
इसके बाद यह विमान उत्तरी मलेशिया और पेनांग द्वीप के ऊपर से होते हुए अंडमान सागर की ओर बढ़ा और फिर लापता हो गया। 7 साल की खोजबीन के बाद, 2017 में सर्च ऑपरेशन को रोक दिया गया था। लेकिन अब तस्मानिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने नए दावे के साथ इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश की है।