Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 01 Feb, 2025 04:52 PM
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए आम बजट पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस बजट को मोदी सरकार द्वारा लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करार दिया। खरगे ने कहा कि इस बजट पर ‘‘900 चूहे खाकर बिल्ली...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए आम बजट पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस बजट को मोदी सरकार द्वारा लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास करार दिया। खरगे ने कहा कि इस बजट पर ‘‘900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’’ का मुहावरा पूरी तरह से सटीक बैठता है। खरगे का कहना था कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने मध्यवर्ग से लगभग 54.18 लाख करोड़ रुपये का आयकर वसूला और अब वह 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय को कर से मुक्त कर रहे हैं। इसका तात्पर्य है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह दावा कि अब 80,000 रुपये सालाना की बचत होगी, कोई बड़ा लाभ नहीं है। उन्होंने कहा कि यह बचत मात्र 6,666 रुपये महीना बनती है, जो किसी भी सामान्य व्यक्ति की वास्तविक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
महंगाई और बेरोजगारी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष का हमला
खरगे ने सरकार पर आरोप लगाया कि इस बजट में महंगाई और बेरोजगारी की समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश महंगाई और बेरोज़गारी की समस्या से जूझ रहा है, लेकिन मोदी सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है और झूठी तारीफें बटोरने में लगी हुई है।’’ उनके अनुसार, सरकार ने अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ‘‘मेक इन इंडिया’’ जैसे राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की घोषणा की है, लेकिन इस घोषणा का वास्तविक धरातल पर कोई असर नहीं दिखाई देता।
युवाओं और किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस बजट में युवाओं के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह वादा किया था कि बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बड़ा कदम उठाया जाएगा, लेकिन बजट में इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किसानों की आय दोगुना करने के लिए कोई रूपरेखा नहीं दी गई है और कृषि उत्पादों पर जीएसटी दरों में कोई राहत नहीं दी गई है।
खरगे ने यह भी कहा, ‘‘दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, गरीब और अल्पसंख्यक बच्चों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और छात्रवृत्ति के लिए कोई योजना नहीं है।’’ उनके अनुसार, यह बजट विशेष रूप से गरीब और वंचित वर्गों के लिए निराशाजनक है।
निर्यात और निवेश पर सरकार की योजनाएं अस्पष्ट
खरगे ने यह भी दावा किया कि निजी निवेश को बढ़ाने के लिए बजट में कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘निर्यात और शुल्क पर कुछ बातें की गई हैं, लेकिन यह केवल सतही घोषणाएं हैं जो सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए की गई हैं।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गरीब की आय बढ़ाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
मनरेगा के बजट पर सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मनरेगा का बजट पहले जैसा ही बना हुआ है, जबकि गरीबों और श्रमिकों की आय को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि इस बजट में जीएसटी की कई दरों में सुधार की बात नहीं की गई और बेरोजगारी को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की योजनाएं जैसे ‘‘स्टार्टअप इंडिया’’, ‘‘स्किल इंडिया’’ और ‘‘स्टैंडअप इंडिया’’ सभी केवल घोषणाएं साबित हुई हैं, जिनका कोई वास्तविक असर दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य केवल वोटों की राजनीति करना है, ना कि देश के वास्तविक मुद्दों को हल करना।
मोदी सरकार ने लोगों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूरे बजट को एक राजनीतिक चाल करार दिया, जिससे मोदी सरकार अपने विफलताओं को छिपा सके और जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर सके। उनके अनुसार, यह बजट असल में एक ‘‘घोषणावीर’’ बजट है, जिसका उद्देश्य केवल जनता को आकर्षित करना है, न कि उनके वास्तविक मुद्दों को हल करना। खरगे का यह भी कहना था कि मोदी सरकार की यह कोशिश लोगों की आंखों में धूल झोंकने के अलावा कुछ नहीं है।