Edited By Mahima,Updated: 03 Sep, 2024 02:26 PM
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में एक विशेष सत्र बुलाकर एक महत्वपूर्ण विधेयक, ‘अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024’ पेश किया। यह विधेयक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधानों का प्रस्ताव करता है।
नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में एक विशेष सत्र बुलाकर एक महत्वपूर्ण विधेयक, ‘अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024’ पेश किया। यह विधेयक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधानों का प्रस्ताव करता है। CM ममता ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताया और इसके माध्यम से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण
CM ममता बनर्जी ने विधानसभा में इस विधेयक को पेश करते हुए इसे ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि यह कानून महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने इस बिल को 'अपराजिता' नाम दिया है, जिसका मतलब है 'अजय', और कहा कि यह विधेयक महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को समाप्त करने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान करेगा। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी इस विधेयक का समर्थन किया है। बीजेपी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा में कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह से इस विधेयक का समर्थन करती है और चाहती है कि इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए। उन्होंने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी कि यह विधेयक प्रभावी रूप से लागू हो और इसके प्रभावी परिणाम राज्य में नजर आएं।
CM ममता ने दिया बयान
CM ममता ने विधेयक की पेशकश के दौरान कोलकाता रेप मर्डर केस का भी उल्लेख किया, जिसमें एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर अपराध है और इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ममता बनर्जी ने इस केस की सीबीआई द्वारा जांच कराने की मांग की और कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि 9 अगस्त को जब यह घटना हुई, वे झाड़ग्राम में थीं और घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। ममता ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए समय मांगा था, ताकि उनकी पुलिस भी सक्रिय रूप से काम कर सके।
गवर्नर से विधेयक को पास करने की अपील
CM ममता ने कहा कि वे चाहते हैं कि बीजेपी गवर्नर सी.वी. आनंद बोस से संपर्क करके इस विधेयक को जल्द से जल्द पास कराने की मांग करें। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 2013 से राज्य के फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए फंड रोक दिया है, जिसके कारण न्याय की प्रक्रिया में देरी हो रही है। पश्चिम बंगाल में 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट मौजूद हैं और इनमें 7,000 केस पेंडिंग हैं।
न्याय की धीमी प्रक्रिया पर जताई चिंता
CM ने बताया कि राज्य में महिलाओं के लिए विशेष कोर्ट और फास्ट ट्रैक कोर्ट मौजूद हैं, लेकिन न्याय की प्रक्रिया में देरी हो रही है। वे चाहते हैं कि इस विधेयक के माध्यम से न्याय की प्रक्रिया को तेज किया जाए और पीड़ितों को समय पर न्याय मिले। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार तेजी से केसों की जांच कर रही है, लेकिन न्याय की प्रक्रिया में आ रही देरी पर चिंता जताई है।