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ममता कुलकर्णी ने महामंडलेश्वर बनने के लिए 10 करोड़ रुपये देने के आरोपों पर तोड़ी चुप्पी, कहा- मेरे पास पैसे नहीं हैं

Edited By Mahima,Updated: 03 Feb, 2025 02:52 PM

mamta kulkarni broke her silence on the allegations of paying rs 10 crore

ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने के लिए 10 करोड़ रुपये देने के आरोपों पर सफाई दी और कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं। ममता ने अपने संघर्षपूर्ण जीवन, 23 साल की तपस्या और कोर्ट केस के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि उनका नाम...

नेशनल डेस्क: बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जो एक समय में अपनी अदाओं और फिल्मों के लिए जानी जाती थीं, आजकल एक धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन जी रही हैं। हाल ही में ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाया गया था, लेकिन उनके इस पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने महामंडलेश्वर बनने के लिए 10 करोड़ रुपये दिए थे। 

इन आरोपों पर ममता ने अब चुप्पी तोड़ी है और स्पष्ट रूप से इन आरोपों को झूठा करार दिया है। उन्होंने 'आपकी अदालत' शो में कहा, "मेरे पास 10 करोड़ रुपये क्या, 1 करोड़ रुपये भी नहीं हैं।" ममता ने आगे बताया कि उनका बैंक अकाउंट सीज कर दिया गया है और वो इस समय पैसे की तंगी का सामना कर रही हैं। उन्होंने कहा, "मैं किस हालत में रह रही हूं, आपको नहीं पता है।" उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास जो तीन अपार्टमेंट हैं, वे सभी जर्जर हालत में हैं और दीमक ने उन पर कब्जा कर लिया है, क्योंकि वे 23 साल से बंद पड़े थे।

23 साल तक तपस्या की और अन्न त्यागने का संकल्प
ममता कुलकर्णी ने अपनी जीवन यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि वे 23 साल तक भारत नहीं आईं क्योंकि उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक उनके खिलाफ चल रहे कोर्ट केस का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक वह भारत में कदम नहीं रखेंगी। उनका कहना था कि उनके खिलाफ पब्लिसिटी के लिए झूठे आरोप लगाए गए थे और उनका नाम जानबूझकर केस में घसीटा गया था। ममता ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने 23 साल तक तपस्या की और अन्न त्यागने का संकल्प लिया था। "मैंने हठ योग का पालन किया और आदिशक्ति को मेरे सामने आने के लिए विवश किया। 5 दिन बिना पानी के रही और 15वें दिन भगवती के दर्शन हुए।"  

ममता कुलकर्णी का धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन से कोई लेना-देना नहीं
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद कई साधु-संतों ने ममता के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई थी। इन साधु-संतों का कहना था कि ममता कुलकर्णी का धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन से कोई लेना-देना नहीं है, और उनका किन्नर अखाड़े में इस तरह की पदवी पाना अखाड़े के उद्देश्य और परंपरा के खिलाफ है। 

फिल्मों से कोई लेना-देना नहीं
ममता कुलकर्णी ने 1992 में बॉलीवुड फिल्म 'तिरंगा' से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह 'वक्त हमारा है', 'क्रांतिवीर', 'करण अर्जुन', 'सबसे बड़ा खिलाड़ी', 'बाजी' जैसी कई हिट फिल्मों में नजर आईं। ममता को अपनी ग्लैमरस छवि और अभिनय के लिए जाना जाता था। हालांकि, 2000 में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से अलविदा ले लिया था और संन्यास लेने का निर्णय लिया। इसके बाद से ममता लाइमलाइट से दूर अपने आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ गईं। उन्होंने इस दौरान कई बार यह भी कहा था कि उनका फिल्मों से कोई लेना-देना नहीं है और वह अब पूरी तरह से एक साधु जीवन जी रही हैं।  

ममता को इस पद के लिए योग्य नहीं ठहराया
जब ममता कुलकर्णी के खिलाफ किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने के लिए पैसे देने के आरोप लगाए गए, तो उनका विरोध भी हुआ। कई धार्मिक नेताओं और साधु-संतों ने इन आरोपों पर सवाल उठाए और ममता को इस पद के लिए योग्य नहीं ठहराया। इसके बावजूद, ममता ने इन आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया और कहा कि वे कभी भी किसी को पैसे नहीं देतीं और उनके पास तो पैसे की कमी है।

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