Edited By Mahima,Updated: 27 Dec, 2024 09:40 AM
डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार ने न केवल भारतीय राजनीति बल्कि शिक्षा, साहित्य और मानवाधिकार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी तीन बेटियां—उपविंदर (इतिहासकार), दमन (लेखिका) और अमृत (वकील)—अपने-अपने क्षेत्रों में अग्रणी हैं। उनका जीवन एक...
नेशनल डेस्क: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं और देश के विकास के लिए अहम योगदान दिया। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिनकी गहरी छाप आज भी देश में देखी जाती है। हालांकि उनका सार्वजनिक जीवन बहुत ही सादा और प्रतिबद्ध था, लेकिन उनके व्यक्तिगत जीवन में भी कई ऐसे महत्वपूर्ण पहलू थे, जो उन्हें एक प्रेरक नेता बनाते हैं। डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर, जो एक इतिहास की प्रोफेसर और लेखिका हैं, और तीन बेटियां हैं— उपविंदर सिंह, दमन सिंह, और अमृत सिंह। ये सभी महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं और देश-विदेश में अपनी पहचान बना चुकी हैं।
1. उपविंदर सिंह - इतिहासकार और विदुषी
मनमोहन सिंह की बड़ी बेटी उपविंदर सिंह* एक जानी-मानी इतिहासकार हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कनाडा के मैकगिल विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी की। उनके शोध का विषय था "किंग्स, ब्राह्मण और मंदिर इन उड़ीसा: एन्ग्राफिक स्टडी (300-1147 CE)", जो भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण और शोधपूर्ण पहलू को उजागर करता है। उनका यह शोध विशेष रूप से उड़ीसा के ऐतिहासिक संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान में, उपविंदर सिंह अशोक विश्वविद्यालय, हरियाणा में इतिहास विभाग की प्रोफेसर हैं, जहां वह छात्रों को भारतीय इतिहास की जटिलताओं और समृद्धि के बारे में शिक्षित करती हैं। उपविंदर ने अपने करियर में कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मान और पुरस्कार प्राप्त किए हैं। उनकी शादी विजय तन्खा, जो एक प्रसिद्ध दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर हैं, से हुई है। दोनों के दो बेटे हैं, जो परिवार के इतिहास और शिक्षा के प्रति समान रुचि रखते हैं। उपविंदर का जीवन उनके अध्ययन और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है, और उन्होंने भारतीय इतिहास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
2. दमन सिंह - लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता
मनमोहन सिंह की दूसरी बेटी दमन सिंह एक प्रसिद्ध लेखिका हैं और उनके नाम कई महत्वपूर्ण किताबें हैं। दमन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से प्राप्त की, जिसके बाद उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आनंद (गुजरात) से अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उनके लेखन में समाज, पर्यावरण और भारत की आदिवासी संस्कृतियों का गहरा प्रभाव देखा जा सकता है। दमन की प्रमुख किताबों में "द लास्ट फ्रंटियर: पीपल", "फॉरेस्ट इन मिजोरम", और "नाइन बाय नाइन" शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने "द स्टडी पर्सनल" नामक उपन्यास भी लिखा है, जो एक सामाजिक दृष्टिकोण से समाज के अंदर चल रही जटिलताओं को उजागर करता है। दमन सिंह ने अपनी जीवन साथी अशोक पटनायक से विवाह किया, जो एक 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID) के सीईओ हैं। अशोक पटनायक का कार्य क्षेत्र भारतीय सुरक्षा और खुफिया जानकारी से संबंधित है, और उनकी भूमिका देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। दमन और अशोक का जीवन एक प्रेरणा है, जो यह दिखाता है कि उच्च शिक्षा, समाज सेवा और कार्य में समर्पण से व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
3. अमृत सिंह - मानवाधिकार वकील
मनमोहन सिंह की तीसरी बेटी अमृत सिंह एक विशेषज्ञ वकील हैं और वे अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) में काम करती हैं। ACLU एक प्रमुख संगठन है, जो अमेरिकी संविधान के तहत नागरिक अधिकारों की रक्षा करता है। अमृत ने अपनी उच्च शिक्षा अमेरिकी विश्वविद्यालयों से प्राप्त की और उसके बाद मानवाधिकार और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर काम करने के लिए ACLU से जुड़ीं। उनका कार्य विशेष रूप से वंचित समुदायों और कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा करने पर केंद्रित है। अमृत सिंह का जीवन उनके पिता डॉ. मनमोहन सिंह के विचारों और मूल्यों का सम्मान करता है, जो हमेशा सामाजिक न्याय, समता और मानवाधिकारों के पक्षधर रहे। उनका वकालत क्षेत्र में योगदान न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रशंसा प्राप्त करता है।
एक प्रेरक परिवार का उदाहरण
डॉ. मनमोहन सिंह का परिवार भारतीय राजनीति के बाहर भी समान रूप से प्रभावशाली रहा है। उनकी पत्नी गुरशरण कौर, जो एक शिक्षिका और लेखिका हैं, ने हमेशा अपने परिवार को ज्ञान और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनकी तीनों बेटियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है—एक इतिहासकार, एक लेखिका और एक वकील के रूप में। यह परिवार न केवल भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपने योगदान के लिए जाना जाता है। डॉ. मनमोहन सिंह का परिवार यह दर्शाता है कि उत्कृष्टता का मतलब केवल राजनीति या प्रशासन में ही नहीं, बल्कि साहित्य, इतिहास और मानवाधिकार के क्षेत्र में भी उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है। उनकी बेटियां न केवल अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं, बल्कि वे देश और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह परिवार भारतीय समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करता है, जो अपने शिक्षा, कार्य और नैतिकता में उच्च मानकों को बनाए रखते हुए समाज की सेवा कर रहा है।