Edited By Utsav Singh,Updated: 29 Sep, 2024 01:38 PM
PM नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को "मन की बात" कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हैं। आज "मन की बात" का 114वां एपिसोड है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह एपिसोड उनके लिए भावुक करने वाला है और उन्हें बहुत सी पुरानी यादों से...
नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को "मन की बात" के माध्यम से देशवासियों से संवाद करते हैं। यह कार्यक्रम विशेष रूप से रेडियो पर प्रसारित होता है। आज का एपिसोड 114वां है, जिसमें पीएम मोदी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं और जनता के साथ अपने विचार साझा करते हैं। यह कार्यक्रम लोगों के साथ जुड़ने और उनकी समस्याओं का समाधान खोजने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है।
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भावुक करने वाला एपिसोड
29 सितंबर को पीएम मोदी ने "मन की बात" कार्यक्रम में कहा कि यह एपिसोड उनके लिए भावुक करने वाला है। उन्होंने बताया कि यह एपिसोड उन्हें पुरानी यादों से घेर रहा है। पीएम मोदी पिछले 10 सालों से इस कार्यक्रम के माध्यम से जनता से जुड़े हुए हैं, और वे लोगों की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करते हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘मन की बात' के श्रोता ही इस कार्यक्रम के असली सूत्रधार हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर एक धारणा ऐसी गढ़ी गई है कि जब तक चटपटी और नकारात्मक बातें ना हो तब तक उस कार्यक्रम को ज्यादा तवज्जो नहीं मिल पाती। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मन की बात ने साबित किया है कि देश के लोगों में सकारात्मक जानकारी की कितनी भूख है। सकारात्मक बातें एवं प्रेरणादायी उदाहरण लोगों को बहुत पसंद आते हैं।"
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10 साल का सफर
पीएम मोदी ने कहा, "मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। 'मन की बात' में एक बार फिर हमें जुड़ने का अवसर मिला है। आज का एपिसोड मुझे भावुक कर रहा है क्योंकि हम 'मन की बात' की 10 साल की यात्रा पूरी करने जा रहे हैं।" उन्होंने बताया कि 10 साल पहले, "मन की बात" की शुरुआत 3 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन हुई थी। इस साल भी, 3 अक्टूबर को नवरात्रि का पहला दिन होगा, जो एक पवित्र संयोग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें गर्व होता है जब वह कार्यक्रम से जुड़ी चिट्ठियों को पढ़ते हैं और पाते हैं कि देश में कितने प्रतिभावान लोग हैं और उनमें देश एवं समाज की सेवा करने का कितना जज्बा है। उन्होंने कहा, ‘‘ ‘मन की बात' की यह पूरी प्रक्रिया मेरे लिए ऐसी है जैसे मंदिर जाकर ईश्वर के दर्शन करना।'' उन्होंने इस कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों के अलावा इसके प्रचार प्रसार में योगदान देने वाले मीडिया समूहों का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, ‘एक पेड़ मां के नाम' और स्वच्छता अभियान के महत्व को भी रेखांकित किया।
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कार्यक्रम का महत्व
"मन की बात" कार्यक्रम की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को हुई थी। इसके बाद से हर महीने के आखिरी रविवार को पीएम मोदी इस कार्यक्रम के जरिए जनता से संवाद करते हैं। यह कार्यक्रम 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के साथ-साथ 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित होता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं।
इस प्रकार, "मन की बात" कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां पीएम मोदी जनता के साथ सीधे जुड़ते हैं और उनकी समस्याओं पर चर्चा करते हैं।