Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Feb, 2025 02:30 PM
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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार (21 फरवरी) को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में बिजली आपूर्ति में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि 2014 में ग्रामीण क्षेत्रों में औसत बिजली आपूर्ति 12.5...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार (21 फरवरी) को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में बिजली आपूर्ति में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि 2014 में ग्रामीण क्षेत्रों में औसत बिजली आपूर्ति 12.5 घंटे थी, जो अब 2025 में बढ़कर 22.6 घंटे हो जाएगी, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 23.4 घंटे हो जाएगी।
हर समय बिजली उपलब्ध कराना लक्ष्य- खट्टर
मंत्री ने कहा कि यह बदलाव दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), पीएम सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) और प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान जैसी पहलों की मदद से संभव हुआ है। इन योजनाओं ने पिछले 10 वर्षों में ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में बिजली की पहुंच को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य 100 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंचाना है। खट्टर ने कहा, "हमारा लक्ष्य हर किसी को हर समय बिजली उपलब्ध कराना है।"
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इसके अलावा, मंत्री ने यह भी बताया कि 2014 में भारत की जीवाश्म आधारित बिजली क्षमता 168 गीगावाट थी, जो अब जनवरी 2025 में 246 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है, जो लगभग 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वहीं, गैर-जीवाश्म आधारित बिजली क्षमता 2014 में लगभग 80 गीगावाट से बढ़कर 2025 में लगभग 220 गीगावाट तक पहुंच जाएगी, जो लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि है। उन्होंने बताया कि ट्रांसमिशन नेटवर्क भी 2014 में 2.91 लाख सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) से बढ़कर 2025 में 4.92 लाख सीकेएम हो जाएगा।
भारत अब बिजली का शुद्ध निर्यातक बन गया
खट्टर ने यह भी कहा कि भारत अब बिजली का शुद्ध निर्यातक बन गया है और 2025 तक शुद्ध निर्यात 1,625 मिलियन यूनिट (एमयू) होगा, जबकि 2014 में भारत बिजली का शुद्ध आयातक था। मंत्री ने यह भी बताया कि देश में ऊर्जा की कमी 2014 में 4.2 प्रतिशत से घटकर 2025 में केवल 0.1 प्रतिशत रह जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के घाटे में सुधार की जानकारी भी दी। 2014 में जहां एटीएंडसी घाटा 22.62 प्रतिशत था, वह 2025 में घटकर 15 प्रतिशत हो जाएगा, और 2030 तक इसे 10 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है।