Edited By Mahima,Updated: 19 Nov, 2024 03:34 PM
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें गैर-हिंदू कर्मचारियों का तबादला, तिरुमाला में राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध, और दर्शन के इंतजार को कम करने के लिए AI तकनीक का उपयोग शामिल हैं। इसके अलावा, विशेष टिकटों में...
नेशनल डेस्क: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की पहली बैठक, नए अध्यक्ष बी.आर. नायडू के नेतृत्व में, तिरुपति श्री वेंकटेश्वर मंदिर के प्रबंधन को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। यह बैठक तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेतृत्व वाली NDA सरकार के सत्ता में आने के बाद आयोजित की गई थी और इसके दौरान मंदिर की व्यवस्था और प्रबंधन को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
1. गैर-हिंदू कर्मचारियों का तबादला
बैठक में एक बड़ा और विवादास्पद निर्णय लिया गया, जिसके तहत तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में काम कर रहे गैर-हिंदू कर्मचारियों के बारे में विचार किया गया। TTD के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने बताया कि बोर्ड ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखने का निर्णय लिया है, जिसमें गैर-हिंदू धर्म के कर्मचारियों के बारे में उचित निर्णय लेने की अपील की जाएगी। टीटीडी का यह मानना है कि मंदिर में कार्यरत सभी कर्मचारी धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से संगत होने चाहिए, ताकि वे भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर की शुद्धता और उसकी मान्यताओं के अनुरूप काम कर सकें। बोर्ड ने यह भी प्रस्तावित किया कि गैर-हिंदू कर्मचारियों को अन्य सरकारी संस्थाओं में स्थानांतरित किया जाए या उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की पेशकश की जाए।
2. तिरुपति में राजनीतिक बयानबाजी पर प्रतिबंध
एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसके तहत तिरुमाला में दर्शन के बाद किसी भी राजनेता या अन्य व्यक्ति को मंदिर परिसर में राजनीतिक भाषण या बयान देने पर रोक लगाई गई। TTD ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय राजनीतिक संबद्धता के आधार पर नहीं, बल्कि मंदिर की पवित्रता और धार्मिक गतिविधियों की अनुकूलता बनाए रखने के लिए लिया गया है। तिरुमाला में अब कोई भी व्यक्ति धार्मिक अनुष्ठान के बाद सार्वजनिक मंच पर बयान नहीं दे सकेगा। इससे यह संदेश दिया गया है कि मंदिर का उद्देश्य केवल भक्ति और धार्मिक कार्यों पर केंद्रित रहेगा, न कि राजनीति पर।
3. दर्शन के समय को कम करने के लिए नए उपाय
तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती हैं, और कभी-कभी भक्तों को दर्शन के लिए 20 घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए TTD ने दर्शन के समय को कम करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने एक विशेषज्ञ पैनल बनाने की घोषणा की है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके भक्तों की भीड़ को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने और उन्हें सुव्यवस्थित तरीके से दर्शन कराने के उपाय सुझाएगा। विशेषज्ञों का यह पैनल इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए विभिन्न तकनीकी समाधानों पर विचार करेगा।
4. विशेष प्रवेश टिकटों में अनियमितताएं
TTD ने विशेष प्रवेश टिकटों के जारी होने में अनियमितताओं को लेकर गंभीर कदम उठाए हैं। बोर्ड ने विभिन्न राज्यों के आंध्र प्रदेश पर्यटन निगम के 'दर्शन' कोटे को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस कोटे से जुड़े कई शिकायतों के बाद बोर्ड ने यह कदम उठाया, जिससे अब इन विशेष टिकटों के वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी और भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
5. मंदिर के वित्तीय फैसले
टीटीडी ने एक और महत्वपूर्ण वित्तीय फैसला लिया है। बोर्ड ने निर्णय लिया कि सभी मंदिर की जमाराशियों को निजी बैंकों से निकालकर राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा किया जाएगा। इसका उद्देश्य मंदिर की वित्तीय सुरक्षा और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है। इससे मंदिर के धन का उपयोग और प्रबंधन अधिक पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से किया जाएगा।
6. बेहतर गुणवत्ता वाले घी की खरीद
तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद, विशेष रूप से लड्डू, को लेकर भी बोर्ड ने एक अहम फैसला लिया है। मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए बेहतर आपूर्ति श्रृंखलाओं की तलाश की जाएगी। बोर्ड ने इस दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि भक्तों को और भी शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण प्रसाद मिल सके।
7. भविष्य की योजनाएं
टीटीडी ने भविष्य में भी मंदिर की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इनमें मंदिर परिसर में सुविधाओं की वृद्धि, भक्तों के लिए बेहतर सुविधाएं, और एक समग्र डिजिटल प्लेटफॉर्म का निर्माण शामिल है, ताकि भक्तों को हर तरह की जानकारी और सेवाएं आसानी से मिल सकें। इसके अलावा, बोर्ड ने मंदिर के आसपास के क्षेत्र को भी बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया है, ताकि आने वाले वर्षों में तिरुपति का मंदिर और भी आकर्षक और व्यवस्थित रूप से तैयार हो सके।
तिरुपति श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड द्वारा लिए गए ये फैसले मंदिर की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी, व्यवस्थित और भक्तों के लिए अनुकूल बनाने की दिशा में अहम कदम हैं। इन फैसलों के लागू होने से न केवल मंदिर की धार्मिक गतिविधियों में सुधार होगा, बल्कि भक्तों को भी बेहतर अनुभव प्राप्त होगा। अब देखना यह है कि इन फैसलों के बाद तिरुपति मंदिर की व्यवस्था में कितना बदलाव आता है और भक्तों को किस तरह के लाभ होते हैं।