Edited By rajesh kumar,Updated: 30 Jan, 2025 06:10 PM
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं।
नेशनल डेस्क: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। राउत ने कहा कि हालांकि शिवसेना (उबाठा) के भीतर ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी के कुछ सदस्य भी ऐसी ही भावनाएं रख सकते हैं। उनकी यह टिप्पणी ठाकरे के सहयोगी और विधान परिषद सदस्य मिलिंद नार्वेकर एवं भाजपा के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के बीच बुधवार रात विधायक पराग अलवानी की बेटी के विवाह समारोह में शिवसेना प्रमुख की मौजूदगी में हुई कुछ हंसी-मजाक वाली बातचीत के बाद आई है।
ठाकरे के अलवानी के साथ अच्छे संबंध
भाजपा के अलवानी मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र विले पार्ले से तीन बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि ठाकरे के अलवानी के साथ अच्छे संबंध हैं। समारोह में शामिल लोगों ने बताया कि नार्वेकर ने पाटिल से मजाक में कहा, "यह अच्छा है कि पत्रकार यहां नहीं हैं... अन्यथा, वे कहेंगे कि गठबंधन की बातचीत चल रही है।" पाटिल ने चुटकी लेते हुए कहा, "यह एक स्वर्णिम क्षण होगा।" राउत ने कहा, "पाटिल भाजपा की पुरानी पीढ़ी से हैं जो शिवसेना-भाजपा संबंधों के महत्व को समझते हैं। यह 25 वर्षों तक अच्छी तरह से काम करता रहा।"
हम इंतजार करो और देखो की स्थिति में- राउत
इस कार्यक्रम में सत्तारूढ़ महायुति के नेता भी शामिल हुए (जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की पार्टी राकांपा शामिल है) तथा फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर, शिवाजी साटम और सचिन खेडेकर सहित मनोरंजन उद्योग के लोग भी शामिल हुए। राउत ने कहा कि भाजपा में कई लोग पाटिल की "स्वर्णिम क्षण" वाली भावनाओं को साझा करते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे संदेह है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना कितने समय तक भाजपा के साथ रहेगी। हम इंतजार करो और देखो की स्थिति में हैं।"
क्या शिवसेना-भाजपा के साथ चाहती है गठबंधन?
यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना (उबाठा) के नेता भी भाजपा के साथ गठबंधन करने की यही भावना रखते हैं, राउत ने कहा, "हो सकता है। हम भाजपा के कुछ नेताओं की वजह से एमवीए के साथ गए। आपने हमारी पार्टी को विभाजित कर दिया और एकनाथ शिंदे को वह दे दिया जिसकी हम मांग कर रहे थे।" उन्होंने कहा, "हमने पहले भी कई बार इस तरह की चर्चा की है। हालांकि शिवसेना (उबाठा) में अभी तक ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।"